Sakri विधानसभा सीट को जीतने के लिए महायुति ने Mangula Gavit को फिर सौंपी जिम्मेदारी, निर्दलीय भी बिगाड़ सकते हैं खेल

राष्ट्रीय जजमेंट

महाराष्ट्र राज्य के 288 विधानसभा क्षेत्रों में से एक साक्री विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह निर्वाचन क्षेत्र धुले जिले में स्थित है जो अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। यह पांच अन्य विधानसभा क्षेत्रों, धुले जिले के शिरपुर और नंदुरबार जिले के अक्कलकुवा, नवापुर, नंदुरबार और शाहदा के साथ नंदुरबार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का कब्जा रहा है। हालांकि, वर्तमान में भी इस सीट से निर्दलीय मंजुला गावित विधायक हैं। लगातार 3 बार हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने भी इस सीट पर जीत दर्ज की है।

जानिए साक्री विधानसभा का जातीय समीकरण

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित साक्री सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। 2019 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक यहां कुल मतदाता की संख्या 346349 है। वहीं, एससी मतदाताओं की संख्या 11603 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 3.35% है। ST मतदाताओं की संख्या की बात करें तो ये लगभग 195,410 है जो लगभग 56.42% हैं। वहीं, इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 10,044 जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 2.9% है।

क्या है विधानसभा सीट का इतिहास

इस सीट पर अब तक 15 बार हुए विधानसभा चुनावों में से 8 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। 1951 में अस्तित्व में आयी इस विधानसभा सीट पर 1972 से लेकर 1980 तक लगातार तीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का राज रहा। हालांकि इसके बाद अगले तीन और चुनावों तक लगातार इस सीट पर भाजपा का राज रहा। इसके बाद 1999 के चुनाव में अप्रत्याशित रूप से BBM पार्टी ने इस सीट पर कब्जा कर दिया। इसके बाद 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर से वापसी करते हुए लगातार तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज कराई लेकिन 2019 के चुनाव में वह अपने विजय अभियान को जारी नहीं रख सकी। वर्तमान में भी इस सीट से निर्दलीय मंजुला गावित विधायक हैं।

2024 के संभावित परिणाम

इस सीट पर 15 विधानसभा चुनावों में इस सीट पर 8 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है जबकि 3 बार बीजेपी ने भी इस सीट पर जीत दर्ज की हैं। वर्तमान में इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी का कब्जा है। आगामी चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाएंगी। इसके अलावा अन्य दल भी पूरी ताकत झोंकने की कोशिश करेंगे। हालांकि निर्दलीय उम्मीदवार भी इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी को चुनौती देते नजर आएंगे। ऐसे में देखना दिलचस्प रहेगा कि कांग्रेस फिर से इस सीट पर जीत हासिल कर पाती है या नहीं। ये देखना भी दिलचस्प रहेगा कि बीजेपी लम्बे समय बाद इस सीट पर फिर से वापसी कर पाएगी या नहीं।

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