खबर का असर: डूसिब ने दिल्ली में बेघरों के लिए अस्थायी रैन बसेरे स्थापित करने किए शुरू

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जजमेंट में प्रकशित खबर का असर रात होते होते जमीनी स्तर पर देखने को मिला। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के अधिकारी खबर प्रकशित होते ही नींद से जागे। देर रात तक विंटर एक्शन प्लान के तहत बेघरों के लिए अस्थायी रैन बसेरे स्थापित करने शुरू कर दिए गए। अस्थायी रैन बसेरे स्थापित करने की शुरुआत एम्स हॉस्पिटल के पास से कर दी गई है।

दिल्ली का जानलेवा प्रदूषण और ठंड की मार झेल रहे बेघरों के लिए दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने विंटर एक्शन प्लान के तहत अस्थायी रैन बसेरे स्थापित करने शुरू कर दिए हैं। राष्ट्रीय जजमेंट में 20 नवंबर बुधवार को प्रकशित खबर के बाद डूसिब ने तत्काल कार्यवाही करते हुए देर रात एम्स हॉस्पिटल के पास अस्थायी रैन बसेरे स्थापित करने शुरू कर दिए हैं। साथ ही खबर का संज्ञान लेकर डूसिब ने विंटर एक्शन प्लान के तहत रेस्क्यू में बरती जा रही लापरवाही पर रैन बसेरा संचालन करती सभी संस्था को गुरुवार, 21 नवंबर तक रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है और भविष्य में ऐसी लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

विंटर एक्शन प्लान के तहत बेघर लोगों को ठंड में आश्रय के लिए 200 से 250 अस्थायी रैन बसेरे स्थापित किए जाएंगे। सरकार ने विंटर एक्शन प्लान के लिए 3 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। बेघर लोग ठंड में खुले में नहीं सोए इसलिए डूसिब ने 16 बचाव दल भी बनाए गए हैं। ये दल प्रतिदिन रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक सड़कों पर रहेंगे और खुले स्थानों या सड़क किनारे सो रहे लोगों को बचाएंगे। प्रत्येक दल के पास एक वाहन, चालक और दो सहायक होंगे। वे बचाए गए लोगों को ज़रूरत पड़ने पर नज़दीकी अस्पतालों या रैन बसेरों में पहुँचाएँगे। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार डूसिब बेघरों के लिए 203 रैन बसेरों का संचालन करता है। इनमें 8350 लोग रह रहे हैं। ठंड में आश्रय के लिए 200 से 250 अस्थायी रैन बसेरे स्थापित किए जाएंगे।

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