महाराष्ट्र में अडानी का बहुत बड़ा हाथ था, खड़गे बोले- हमें नहीं चाहिए ईवीएम, बैलेट पेपर पर होने चाहिए चुनाव

राष्ट्रीय जजमेंट

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को चुनावों में मतपत्रों की वापसी को चिह्नित करने के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जैसे अभियान का आह्वान किया। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी के संविधान दिवस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, हमें ईवीएम नहीं चाहिए, हमें मतपत्र चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की, जिसके बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने चुनाव के संचालन में गड़बड़ी का आरोप लगाया। कांग्रेस के महाराष्ट्र पर्यवेक्षक और कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने राज्य में ईवीएम हैकिंग का भी आरोप लगाया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर वार करते हुए खड़गे ने कहा कि आप (सत्ता में) आए और लूट रहे हैं और इसे अडानी, अंबानी और उनके जैसे अन्य लोगों को दे रहे हैं। इन लोगों ने कभी देश के लिए नहीं सोचा। मोदी और ये एक-दूसरे के लिए सोचते हैं।’ मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि महाराष्ट्र के चुनाव में अडानी की बड़ी भूमिका थी। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने उन्हें बहुत सारी संपत्तियां दीं और वह इसे संभाल नहीं पा रहे हैं।’ वह इसे बीजेपी की तरफ से चुनाव में बांट रहे हैं। उनके पास कोई संवैधानिक मूल्य नहीं है। उनमें संस्थागत अखंडता का अभाव है। उनका संघीय चरित्र नहीं है। खड़गे ने कहा कि संविधान में स्वतंत्रता, समानता, न्याय, मानवीय गरिमा को शामिल किया गया है और ये सभी लोकतंत्र के मूल्य हैं। आज जो लोग संविधान को कमजोर कर रहे हैं, इनके पुरखे अंग्रेजों के मुखबिर थे। आजादी की लड़ाई में इनका कोई योगदान नहीं है। इनके पूर्वज अंग्रेजों की नौकरी कर रहे थे और उनकी मदद करते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग आजादी के लिए लड़े और आजादी हासिल की। आज सब जानते हैं कि जिस व्यक्ति ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, उसे गोली मारने वाले कौन थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अगर सच में देश में एकता चाहते हैं, तो उन्हें नफरत छोड़नी होगा। मोदी जी हमेशा नफरत फैलाने की बात करते हैं और आरोप हम पर लगाते हैं। जबकि सच ये है कि कांग्रेस ने देश को एक रखने और समान अधिकार देने के लिए संविधान बनाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में न तो बोलने की आजादी है और न ही धार्मिक स्वतंत्रता है। ये केवल काटो-बांटों की बात करते हैं। इनके राज में महिलाओं के साथ रेप होता है, आदिवासियों पर पेशाब किया जाता है और दलितों को शादी में घोड़े से उतारकर मारपीट करते हैं। ये खुद को संविधान का रक्षक कहते हैं, जबकि ये भक्षक हैं।

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