Kuki और Meitei समुदाय के लोगों को सेनाध्यक्ष के बयान से क्या सीख लेनी चाहिए?

राष्ट्रीय जजमेंट

मणिपुर में आपस में संघर्ष कर रहे कुकी और मेइती समुदाय के लोगों को सेना प्रमुख की बात पर गौर करना चाहिए। हम आपको बता दें कि सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एक महत्वपूर्ण बयान में कहा है कि सेना एक ऐसी इकाई है जो लोगों को एक साथ लाती है और देश के विभिन्न समुदायों को एकजुट करती है। जनरल द्विवेदी ने बताया कि मणिपुर के कुकी और मेइती समुदाय के सदस्य एक ही इकाई में बहुत सद्भाव के साथ काम करते हैं। मणिपुर में पिछले वर्ष से ही मेइती और कुकी समुदायों के बीच चल रहे जातीय संघर्ष के बीच सेनाध्यक्ष का यह बयान काफी मायने रखता है।

जहां तक मणिपुर के ताजा हालात की बात है तो आपको बता दें कि राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि इंफाल घाटी जिलों और जिरीबाम में स्कूलों और कॉलेजों में कक्षाएं 29 नवंबर से पुन: शुरू होंगी। हम आपको बता दें कि लगभग 13 दिन के बाद शिक्षण संस्थान खुलने जा रहे हैं। मणिपुर में जिरी और असम में बराक नदी से जिरीबाम की तीन महिलाओं तथा तीन बच्चों के शव बरामद होने के बाद 16 नवंबर से इन जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। शिक्षा निदेशालय-स्कूल द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया, ‘‘राज्य के सभी सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, निजी स्कूल और केंद्रीय स्कूलों में 29 नवंबर से सामान्य कक्षाएं पुन: शुरू होंगी।’’ एक अलग आदेश में कहा गया है कि राज्य विश्वविद्यालय समेत उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सरकारी शैक्षणिक संस्थान या सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज शुक्रवार से कक्षाएं पुन: शुरू करेंगे। हम आपको याद दिला दें कि सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच 11 नवंबर को गोलीबारी में 10 उग्रवादियों के मारे जाने के बाद जिरीबाम में राहत शिविर से मेइती समुदाय की तीन महिलाओं और तीन बच्चों के लापता होने के उपरांत मणिपुर में हिंसा फिर से भड़क गई थी। बाद में इन छह लोगों के शव बरामद किए गए। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इंफाल घाटी के जिलों और जिरीबाम में बृहस्पतिवार तक निषेधाज्ञा लागू रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि शुक्रवार से कर्फ्यू में ढील दी जाएगी या जारी रहेगी। अभी तक कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है।’’
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इस बीच, मणिपुर में एक व्यक्ति के लापता होने के बाद गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने इंफाल पश्चिम जिले में धरना दिया और तीन दिनों के भीतर लापता व्यक्ति की तलाश करने की मांग की। कांटो सबल में आयोजित प्रदर्शन में मुख्य रूप से इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई निर्वाचन क्षेत्र के प्रदर्शनकारियों ने भाग लिया और सोमवार से लापता लैशराम कमलबाबू की सुरक्षित रिहाई की मांग करते हुए नारे लगाए। हम आपको बता दें कि कमलबाबू सोमवार को लेइमाखोंग सैन्य शिविर जाते समय लापता हो गए थे। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि कमलबाबू सेना के अधिकारियों के लिए फर्नीचर बनाने का काम करते थे। परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि कमलबाबू को कुकी उग्रवादियों ने अगवा किया होगा।

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