रैन बसेरों में केयर टेकरों से 8 से 10 हजार रुपए में कराई जा रही ड्यूटी

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप जारी है। ठंड के कारण बेघर लोग रैन बसेरों में आश्रय लेते है। अभी दिल्ली में 325 रैन बसेरे कार्यरत हैं जिनमें करीब 20 हजार लोगों के सोने की सुविधा है। राष्ट्रीय जजमेंट मिडिया ग्रुप लगातार के रैन बसेरे की असुविधा और समस्या को प्राथमिकता से प्रकाशित कर रहा है। राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज ने 14 जनवरी की रात को दिल्ली के कालकाजी, नेहरु प्लेस और सराय काले खां के इलाके के विंटर एक्शन प्लान के तहत लगे रैन बसेरों में जाकर जमीनी हकीकत जानने का प्रयास किया।

दिल्ली की ठंड में बेघरों के साथ साथ रैन बसेरे में ड्युटी करते केयर टेकर की भी स्थिति दयनीय देखने को मिली। कही सिर्फ, एक तो कही दो केयर टेकर से ही रैन बसेरा चल रहा है। न्यूनतम मानदेय भी केयरटेकर को नही दिया जा रहा। बेरोजगार युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर कम मानदेय में काम करवाया जा रहा है। बेरोजगार हो जाने के डर के कारण कोई भी केयर टेकर खुलकर बात नही रखता, इन युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर मोटी कमाई की जा रही हैं।

कालकाजी में विंटर एक्शन प्लान के तहत लगे अस्थायी रैन बसेरों में जमीनी स्तर पर एक रैन बसेरों में सिर्फ दो केयर टेकर ड्यूटी कर रहे हैं। वो भी 8 से 10 हजार रुपए में। वहीं नेहरू प्लेस के पास के एक अस्थायी रैन बसेरा बिना केयर टेकर चलता पाया गया। वही दूसरे में एक केयर टेकर मौके पर मिला। यहां पर 10 हजार रुपए में 12 घंटे केयर टेकर से ड्यूटी करवाई जा रही है। सराय काले खां रेड लाइट के पास के अस्थायी रैन बसेरों में भी 8 से 10 हजार रुपए में ड्यूटी करवाई जा रही हैं। सराय काले खां मेट्रो स्टेशन के पास लगे अस्थायी रैन बसेरों में भी वही हाल पाया गया। उपरोक्त कई रैन बसेरों में कई केयर टेकर दो रैन बसेरों में ड्यूटी करते पाए गए। दिन में पोर्टा केबिन वाले रैन बसेरों में न्यूनतम मजदूरी मुजब और रात में विंटर एक्शन प्लान के तहत लगे अस्थायी रैन बसेरों (टेंट) में 8 से 10 हजार में ड्यूटी करते पाए गए।

खबर लिखेने से पहले डूसिब के रैन बसेरा उप निदेशक राम निवास, निदेशक राजबीर सिंह और सीई वीएस फोनिया और संबधित क्षेत्र से वेदपाल मीना को फोन से संपर्क किया गया पर तीनों ने कॉल का उत्तर नही दिया। इसके बाद डुसिब की और कई अधिकारियों को ईमेल से भी संपर्क करने की कोशिश की गई पर खबर लिखे जाने तक किसी की भी तरफ से उत्तर नही मिला।

डुसिब के अधिकारियों द्वारा लगातार रैन बसेरों का दौरा किया जा रहा हैं। इसके बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही कई सवाल खड़े कर रही हैं। उपरोक्त समस्या की जानकारी बीती 6 जनवरी को क्लस्टर के डुसिब अधिकारी वेदपाल मीना को भी दी गई थी लेकिन खबर लिखे जाने तक किसी प्रकार की कार्रवाई नही की गई है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More