मध्यप्रदेश: सरकारी नौकरी पाने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला बनी संजना

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भोपाल। जब हौसला बुलंद होता है तो कोई भी काम असंभव नहीं होता है। इंसान अपने हौसले से सब कुछ हासिल कर सकता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में संजना नाम की एक किन्नर ने।
संजना मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी पाने वाली पहली महिला ट्रांसजेंडर बनी है। मध्य प्रदेश सामाजिक न्याय और विकलांग कल्याण विभाग के निदेशक के निजी सचिव के रूप में संजना को नियुक्त किया गया है। इस संजना सिंह को कृष्ण गोपाल तिवारी का निजी सचिव नियुक्त किया गया है।
36 साल की संजना की नियुक्ति 1 मार्च को हुई। उसे जिला कानूनी प्राधिकरण का कानूनी स्वयंसेवक और लोक अदालत का सदस्य भी बनाया गया है, जहाँ वह न्यायाधीश के साथ लंबित मामलों की सुनवाई करेगी।
सरकार के फैसले पर खुशी जताते हुए संजना ने कहा कि ‘शायद हमारे समुदाय के लोग मुख्यधारा में आने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं करते हैं. मुझे लगता है कि मेरी सफलता के बाद समाज में बदलाव आएगा’। वहीं आरक्षण के सवाल पर कहा कि अगर दूसरों को आरक्षण दिया जा रहा है, तो हमें क्यों नहीं?
भोपाल के अशोका गार्डन इलाके में रहने वाली संजना ने बारहवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। वह घर-परिवार छोड़कर किन्नर समाज के लोगों के साथ जुड़कर समाज सेवा करने लगी। पिछले 15 साल से राजधानी भोपाल में सोशल वर्क से जुड़ी रही संजना सिंह को अब सामाजिक न्याय और विकलांग कल्याण विभाग में महानिदेशक के निजी सचिव के पद पर नियुक्ति मिली है।

आपको बता दें कि पिछले साल दिसम्बर 2018 में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों से जुड़ा एक अहम बिल पारित किया गया था। यह बिल ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों को संरक्षित करता है जिस पर सदन ने मुहर लगाई थी।
संजना सिंह से पहले राजस्थान की गंगा राजस्थान पुलिस में भर्ती होने वाली देश की पहली ट्रांसजेंडर बनी थीं। ऐसी ही बंगाल की ट्रांसजेंडर अत्रीकर मार्च 2018 में यूपीएससी की सिविल सर्विस प्रीलिम्स की परीक्षा में शामिल हुई थी।

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