ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित महिला की चुनाव में लगा दी डयूटी

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भोपाल। पुष्पा सोहरा नाम की ये महिला पेशे से शिक्षिका हैं। ये ब्रेन ट्यूमर के तीसरे स्टेज से जूझ रही हैं. पिछले 2 महीने से मेडिकल लीव पर हैं। लेकिन प्रशासन का खेल तो देखिए। गंभीर बीमारी से जूझ रही महिला शिक्षिका की चुनाव में ड्यूटी लगा दी है।
पहले ही बीमारी ने परेशान कर रखा है, अब चुनाव में इस हालत में कैसे ड्यूटी करेंगी,  इस बात ने परेशान कर रखा है। चुनाव में ड्यूटी कटवाने के लिए मेडिकल बोर्ड से मदद मांगी लेकिन मेडिकल बोर्ड से कोई राहत नहीं मिली. बीमारी का इलाज तो चल रहा है, लेकिन इस नए मर्ज का इलाज कैसे हो ?
कुछ समझ नहीं आया तो घरवालों की मदद से कलेक्टर  के सामने गुहार लगाने पहुंच गई। लेकिन हद तो तब हो गई जब कलेक्टर साहब ने भी शिक्षिका के इस गंभीर मामले को कमेटी के निर्णय पर छोड़ दिया है। कलेक्टर का कहना है कि अब जो कमेटी निर्णय करेगी, वही होगा।
दरअसल मध्य प्रदेश के गवली पलासिया के शासकीय स्कूल की प्रधान शिक्षिका पुष्पा सोहरा पिछले 2 महीने से बीमार चल रही है। बकायदा उन्होंने शिक्षा विभाग से मेडिकल लीव लिया हुआ है. लेकिन इसके बावजूद उनकी चुनाव में ड्यूटी लगा दी गई है। इतना ही नहीं अब ट्रेनिंग में आने के लिए भी उनपर दबाव बनाया जा रहा है।
इस मामले में हद तो तब हो गई जब मेडिकल बोर्ड ने बी दस्तावेज देखने के बाद लीव रिकमेंडेशन देने से मना कर दिया। सोचिए जब मेडिकल बोर्ड ही गंभीर रूप से बीमार महिला शिक्षिका की मदद करने से मना कर दें तो दूसरे विभागों से क्या उम्मीद की जा सकती है।
मंगलवार को बीमारी से जूझ रही महिला शिक्षिका परिजनों के साथ कलेक्टर के सामने पहुंची थीं। कलेक्टर ने भी मामला कमेटी के निर्णय पर छोड़ दिया है।
ये बात बिल्कुल सच है। चुनावों में ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों की मौत तक हो चुकी है. हाल में ही हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में ड्यूटी करने के दौरान 3 कर्मचारियों की मौत हो गई थी।
बताया गया था कि तब भी कुछ कर्मचारी बीमार थे. पहले भी प्रशासन मृत या फिर रिटायर हो चुके अधिकारियों/कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगाकर बदनाम हो चुका है।

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