आयुष्मान भारत योजना 70 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए बढ़ाई गई, एनएमसी विवादों में रहा

राष्ट्रीय जजमेंट

सत्तर वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ को विस्तारित करना तथा गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण को डिजिटल बनाने के लिए यू-विन पोर्टल शुरू करना 2024 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रमुख पहलों में से एक रहा।

पश्चिम बंगाल के आरजी कर बलात्कार-हत्या मामले ने स्वास्थ्य मंत्रालय को चिकित्सा क्षेत्र के पेशेवरों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय कानून की मांग के बीच संबंधित बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने, स्वास्थ्यकर्मियों की कामकाजी स्थितियों में सुधार और अस्पताल परिसरों में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में ध्यान देने के लिए प्रेरित किया।

चुनाव के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय में बदलाव हुआ और मनसुख मांडविया की जगह जेपी नड्डा को इसका प्रभार मिला, जो दूसरी बार स्वास्थ्य मंत्री बने। दूसरी ओर, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा और एमबीबीएस पाठ्यक्रम संबंधी दिशानिर्देशों को लेकर विवादों में घिरा रहा, जिन्हें विभिन्न हितधारकों के विरोध के बाद जारी किया गया, लेकिन उसे फिर वापस लिया गया और संशोधित किया गया।

नीट-यूजी के कथित

पेपर लीक प्रकरण के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जुलाई में ‘‘एहतियाती उपाय’’ के रूप में नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा स्थगित कर दी और परीक्षा प्रक्रिया की मजबूती का गहन मूल्यांकन किया। इसके परिणामस्वरूप प्रवेश के लिए काउंसलिंग में और देरी हुई, जिससे पूरी प्रक्रिया छात्रों के लिए तनावपूर्ण अनुभव बन गई।

आरजी कर घटना के बाद एनएमसी ने यह भी सिफारिश की कि रेजिडेंट डॉक्टरों को प्रति सप्ताह 74 घंटे से अधिक काम नहीं करना चाहिए और सप्ताह में उन्हें एक दिन की छुट्टी मिलनी चाहिए। सत्तर वर्ष और इससे अधिक आयु के सभी लोगों के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) का विस्तार इस वर्ष की सबसे अधिक नागरिक केंद्रित पहल रही।

इसके तहत 70 वर्ष या इससे अधिक उम्र के कम से कम छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किये जाने के लिए दायरे का विस्तार किया गया। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण को डिजिटल बनाने के लिए यू-विन पोर्टल शुरू करना भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रमुख पहलों में से एक रहा।

भारत में तपेदिक को खत्म करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रमुख हितधारकों के साथ मिलकर देश भर के 347 प्रभावित जिलों में टीबी का शीघ्र पता लगाने और इलाज के लिए 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान भी शुरू किया।

सेवा प्रदायगी को बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ बनाने के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के एक अभिनव उपयोग में 11 तृतीयक स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में ड्रोन सेवाएं शुरू की गईं। इससे दुर्गम इलाकों में चिकित्सा आपूर्ति की सुरक्षित एवं किफायती आपूर्ति में मदद मिलेगी। इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश से एक आपातकालीन हेलीकॉप्टर चिकित्सा सेवा भी शुरू की गई, जो तेजी से चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में मदद करेगी।

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