मंदिर विवाद के बीच PM Modi आज अजमेर शरीफ दरगाह पर भेजेंगे चादर

राष्ट्रीय जजमेंट

इन दिनों देश में शिव मंदिर को लेकर बड़ा मुद्दा चल रहा है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अजमेर शरीफ दरगाह पर एक औपचारिक चादर भेजने वाले हैं। ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वार्षिक परंपरा है। इसे जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अजमेर शरीफ दरगाह पर एक औपचारिक चादर भेजेंगे।

बता दें कि शाम छह बजे केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को चादर सौंपेंगे। वो इसे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान दरगाह पर चढ़ाएंगे।

प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी हमेशा अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाते आए है। अबतक वो 10 बार चादर चढ़ा चुके हैं। इस साल वे इस परंपरा में 11वीं बार शामिल होंगे। पिछले साल 812वें उर्स के दौरान उनकी ओर से तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी के साथ मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले एक प्रतिनिधिमंडल ने चादर पेश की थी।

यह कदम राजस्थान की एक अदालत द्वारा हिंदू सेना की याचिका स्वीकार किए जाने के एक महीने बाद उठाया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि राजस्थान में स्थित अजमेर शरीफ दरगाह वास्तव में भगवान शिव का मंदिर है। अजमेर शरीफ दरगाह पिछले वर्ष विवाद का विषय बन गई थी, जब अजमेर की एक स्थानीय अदालत ने 27 नवंबर को एक सिविल मुकदमे में तीन पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के भीतर एक शिव मंदिर मौजूद है, ऐसा वादी के वकील ने बताया।

20 दिसंबर को अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी ने अजमेर की मुंसिफ कोर्ट में 5 पेज का आवेदन दायर कर अजमेर दरगाह के नीचे मंदिर होने का आरोप लगाने वाली याचिका को खारिज करने की मांग की। अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी। उर्स त्यौहार के दौरान चादर चढ़ाना पूजा का एक शक्तिशाली रूप माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि इससे आशीर्वाद मिलता है और मन्नतें पूरी होती हैं।

भारत में सबसे अधिक पूजनीय सूफी तीर्थस्थलों में से एक अजमेर शरीफ दरगाह पर हर साल उर्स के दौरान लाखों श्रद्धालु आते हैं। यह आयोजन ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की पुण्यतिथि के अवसर पर किया जाता है। हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स 28 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ और इसे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। पूरे भारत और विदेशों से श्रद्धालु यहां श्रद्धा प्रकट करने और आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।

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