BPSC परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े प्रशांत किशोर, आमरण अनशन पर बैठे

राष्ट्रीय जजमेंट

राजनीतिक रणनीतिकार और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने हाल ही में आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना में आमरण अनशन की घोषणा की है। किशोर ने अपना अनशन शुरू करने से पहले एक सभा को संबोधित करते हुए परीक्षा के संचालन में कथित अनियमितताओं पर गंभीर चिंता जताई और तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान किया। भर्ती प्रक्रिया में कुप्रबंधन और पारदर्शिता की कमी के बढ़ते आरोपों के बीच यह कदम उठाया गया है।

किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि उनके उपवास का उद्देश्य राज्य सरकार पर तेजी से कार्रवाई करने और पब में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए दबाव डालना है। उन्होंने कहा कि मैं उन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग करता हूं, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षाओं द्वारा भरे जाने वाले पदों को खरीद-फरोख्त के लिए रखा है। उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात के तुरंत बाद, किशोर ने सोमवार को कहा था कि वह ‘48 घंटे’ तक इंतजार करेंगे और अगर नीतीश कुमार सरकार 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षाओं पर कोई कार्रवाई करने में विफल रही, तो आंदोलन तेज हो जाएगा।

सोमवार को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि वे नीतीश कुमार सरकार को ‘48 घंटे का समय दें और यदि इस समय तक कोई समाधान नहीं निकलता है तो वे अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं। मीणा से मिलने वाले प्रतिनिधियों में किशोर के पार्टी सहयोगी एवं सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आरके मिश्रा शामिल थे। किशोर ने प्रतिनिधियों द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुख्य सचिव ने धैर्यपूर्वक उनकी बात सुनी है। वे किसी समाधान तक नहीं पहुंच सके क्योंकि यह ऐसा निर्णय है जिसके लिए मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी, जिनके आज रात दिल्ली से लौटने की उम्मीद है।

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