छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले पर बोले अमित शाह , व्यर्थ नहीं जाएगी जवानों की शहादत, मार्च 2026 तक भारत से खत्म कर देंगे नक्सलवाद

राष्ट्रीय जजमेन्ट

छत्तीसगढ़ में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवानों और एक नागरिक ड्राइवर की नक्सलियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मार्च 2026 तक भारत से नक्सलवाद को खत्म कर देगी। उन्होंने आगे कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। गृह मंत्री ने लिखा कि बीजापुर (छत्तीसगढ़) में IED ब्लास्ट में DRG के जवानों को खोने की सूचना से अत्यंत दु:खी हूँ। वीर जवानों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ।अमित शाह ने आगे कहा कि इस दुःख को शब्दों में व्यक्त कर पाना असंभव है, लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूँ कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम मार्च 2026 तक भारत की भूमि से नक्सलवाद को समाप्त करके ही रहेंगे। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा ने आज IED विस्फोट में हमारे 8 जवान और एक ड्राइवर शहीद हुए हैं। मैं उनकी शहादत को नमन करता हूं, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं। उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी, जिस तरह से लगातार नक्सलियों को परास्त किया जा रहा है, उससे वे हताश हैं और ऐसी कायराना हरकतें कर रहे हैं। जल्द छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का खात्मा होगा और यहां शांति बहाल होगी।उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बीजापुर IED विस्फोट पर कहा कि यह कैसे हुआ यह जांच का विषय है… अब हम इस पूरे नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए और दृढ़ता और ताकत के साथ काम करेंगे… उन्होंने (केंद्रीय गृह मंत्री) और दृढ़ता के साथ कार्रवाई करने की बात कही है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को नक्सलियों ने एक वाहन को बारूदी सुरंग में विस्फोट कर उड़ा दिया, जिसमें जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवान और एक चालक की मौत हो गई। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने बताया कि कुटरू थाना क्षेत्र के अंबेली गांव के पास दोपहर करीब 2.15 बजे नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर एक वाहन को उड़ा दिया। यह घटना तब हुई जब दंतेवाड़ा जिले के जिला रिजर्व गार्ड(डीआरजी) के जवान नक्सल विरोधी अभियान के बाद अपनी एसयूवी कार से लौट रहे थे। अधिकारी ने बताया कि सभी आठ डीआरजी जवानों और वाहन चालक की मौके पर ही मौत हो गई। डीआरजी राज्य पुलिस की एक इकाई है और इसमें ज्यादातर स्थानीय आदिवासियों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को भर्ती किया जाता है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More