एचएमपीवी वायरस मामला बम्बई उच्च न्यायालय पहुंचा, वकील ने अदालत में दाखिल की याचिका

राष्ट्रीय जजमेंट

महाराष्ट्र के नागपुर में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं और दोनों मरीज स्वस्थ हैं। उनके नमूने एकत्र कर लिए गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मरीजों को उपचार के बाद घर भेज दिया गया और उनके नमूने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) को भेजे गए हैं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान जिलाधिकारी विपिन इटनकर ने बताया, नागपुर में एचएमपीवी रोगियों के बारे में मीडिया रिपोर्ट गलत हैं। सात और 14 साल के दो बच्चों का एक निजी अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में इलाज किया गया और उनके नमूनों की जांच की गई तथा उन्हें संदिग्ध के रूप में चिह्नित किया गया है। एक वकील ने मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ से एचएमपीवी वायरस मामलों का संज्ञान लेने और महाराष्ट्र सरकार को इसके लिए तत्काल उपाय करने का निर्देश देने का आग्रह किया। अपनी याचिका में वकील श्रीरंग भंडारकर ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 2020 में सीओवीआईडी ​​​​-19 महामारी का स्वत: संज्ञान लिया था, और कहा कि अब भी इसी तरह की कार्रवाई की आवश्यकता है। उच्च न्यायालय 10 जनवरी को याचिका पर सुनवाई कर सकता है।र्य बल गठित करने का निर्देश देने का आग्रह अधिवक्ता श्रीरंग भंडारकर ने अपनी याचिका में कहा कि एचएमपीवी के दर्ज मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि सतर्कता, तैयारी और सक्रिय सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की आवश्यकता को रेखांकित करती है। इसने उच्च न्यायालय से राज्य के स्वास्थ्य विभाग को एचएमपीवी की निगरानी, जांच और वायरस का पता लगाने में तेजी लाने तथा फैल रहे श्वसन वायरस पर एक कार्य बल गठित करने का निर्देश देने का आग्रह किया। याचिका में अदालत से सरकार को एचएमपीवी के लक्षणों, संक्रमण और रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरुकता अभियान शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई। वर्तमान में कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में एचएमपीवी के पांच मामलों की पुष्टि हुई है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More