डूसू चुनाव में इनडायरेक्ट इलेक्शन की सिफारिश के विरोध में एबीवीपी ने किया विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनावों में अप्रत्यक्ष मतदान प्रणाली (इनडायरेक्ट इलेक्शन) लागू करने की सिफारिश के खिलाफ आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में एबीवीपी कार्यकर्ता और छात्र एकजुट हुए और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इस छात्र-विरोधी सिफारिश को तुरंत रद्द करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा।

आज दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में 17 जनवरी को हुई पिछली बैठक में आई उस सिफारिश पर चर्चा होनी थी, जिसमें डूसू चुनावों को प्रत्यक्ष मतदान के स्थान पर अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का सुझाव दिया गया था। इस प्रस्ताव को पास करने की संभावना को देखते हुए, एबीवीपी ने छात्रों के व्यापक समर्थन से इसका विरोध दर्ज कराया और साफ संदेश दिया कि किसी भी हाल में छात्रों के मताधिकार को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।

एबीवीपी नीत डूसू की सचिव मित्रविंदा कर्णवाल ने कहा कि छात्रसंघ चुनावों में अप्रत्यक्ष प्रणाली लागू कर विश्वविद्यालय प्रशासन लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। यह फैसला छात्रों के मताधिकार को समाप्त करने के समान है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम हर स्तर पर इसका विरोध जारी रखेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि छात्रों को अपने प्रतिनिधि चुनने का पूरा अधिकार मिले।

एबीवीपी दिल्ली के प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि डूसू चुनावों में अप्रत्यक्ष प्रणाली लागू करना छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है। यह विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों की भागीदारी को सीमित करने की साजिश है, जिसे हम किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं करेंगे। यदि इस सिफारिश को वापस नहीं लिया गया, तो एबीवीपी इसे बड़े स्तर पर आंदोलन का रूप देने से पीछे नहीं हटेगी। छात्रों का मताधिकार सुरक्षित रखने के लिए एबीवीपी हर संभव संघर्ष करेगी।

एबीवीपी की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन के बाद जब एबीवीपी प्रतिनिधियों ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, तो प्रशासन ने आश्वासन दिया कि इनडायरेक्ट इलेक्शन से संबंधित सभी बिंदुओं को वापस लिया जाएगा। साथ ही, भविष्य में जब छात्रसंघ चुनाव और इस तरह की प्रक्रियाओं पर कोई निर्णय लिया जाएगा, तो उसमें छात्र संगठनों, उनके प्रतिनिधियों और छात्रसंघ पदाधिकारियों के सुझावों को केंद्र में रखकर ही फैसला किया जाएगा।

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