उपराज्‍यपाल ने संजय वन में बहाल की गई विरासत संरचनाओं का अनावरण किया

नई दिल्ली: ‘विकास भी, विरासत भी’ को बढ़ावा देने के अनुरूप, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने डीडीए द्वारा विकसित संजय वन में बहाल की गई विरासत संरचनाओं का अनावरण किया। दो ऐतिहासिक संरचनाओं और एक कुएं को उसके मूल गौरव में बहाल किया गया है। ऐतिहासिक संरचनाओं में से एक में, एक जल झरना स्थापित किया गया है। इस अवसर पर सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, क्षेत्रीय विधायक गजेंद्र सिंह यादव और डीडीए के उपाध्यक्ष विजय कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।

उपराज्यपाल ने मई 2023 में पहली बार संजय वन का दौरा किया था, तो यह स्थल जीर्ण-शीर्ण और दयनीय स्थिति में था, जिसमें विरासत संरचनाएं ढह रही थीं और चारों ओर पेड़-पौधे, गंदगी और कचरा फैला हुआ था। वर्षों की उपेक्षा ने यहां की सुन्‍दरता को ढक दिया था, उन्होंने सुनिश्चित किया कि ऐतिहासिक संरचनाओं का संरक्षण के कार्य को मिशन मोड में शुरू किया जाए। डीडीए ने विभिन्न जीर्ण-शीर्ण विरासत संरचनाओं को उनके प्राचीन ऐतिहासिक गौरव में बहाल किया गया है इस स्थल को एक सार्वजनिक हरित स्‍थल में बदल दिया गया।

उपराज्यपाल ने कहा, “हम विरासत स्थलों को पुनर्जीवित करने और उन्हें बहाल करने तथा उन्हें दिल्ली के लोगों को सुपुर्द करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं, ताकि वे उनके स्टेकहोल्डर संरक्षक बन सकें।” निवासियों को जीवनयापन में सुगमता प्रदान करने के सरकार के विजन के तहत दिल्ली के लोगों के लिए समग्र विकास किया जा रहा है।

संजय वन दिल्ली के प्रमुख हरित क्षेत्रों में से एक है तथा पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। यह देशी और साथ ही दुर्लभ प्रवासी पक्षी प्रजातियों के घर के रूप में विकसित हुआ है। यह क्षेत्र पृथ्वीराज चौहान और तोमर वंश के अनंगपाल द्वितीय के समय की विभिन्न ऐतिहासिक संरचनाओं से युक्त है। यहां की वास्तुकला 13वीं-14वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान प्रचलित संरचनाओं का संकेत देती है। हालांकि, 12वीं शताब्दी के आसपास निर्मित किला राय पिथौरा के अवशेष भी इस क्षेत्र के आसपास देखे जा सकते हैं।

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