एनएचएआई का बड़ा फैसला, बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर अब ये वाहन जाने पर रोक

राष्ट्रीय जजमेंट

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बड़ा फैसला किया है। अब एनएचएआई ने एक्सप्रेस वे पर दो पहिया वाहनों की एंट्री रोक दी है। यानी अब दो पहिया वाहन एक्सप्रेस वे पर से नहीं गुजर सकेंगे। ये फैसला बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे के लिए लिया गया है। इस बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लग गया है।एनएचएआई ने ये कदम एक दुखद दुर्घटना होने के बाद उठाया है। इस घटना में दो वर्षीय बच्ची समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो रविवार रात कोलार जिले के बंगारपेट में कुप्पाहल्ली के पास ये घटना हुई थी। इस घटना में एक एसयूवी ने नियंत्रण खो दिया था। कार विपरीत दिशा से आने वाले एक दो पहिया वाहन से टकरा गई थी। इस हादसे में कई लोगों की मौत हुई थी।रिपोर्ट की मानें तो इस दुर्घटना में एसयूवी चालक महेश (45), आगे बैठी एक रिश्तेदार रत्नम्मा (60), उदविथा (2) और एक अज्ञात बाइक सवार की मौत हो गई थी। भीषण हादसे में घटनास्थल पर ही पीड़ितों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक एसयूवी में सवार चार अन्य यात्री सुष्मिता, विरुथा, सुजाता और सुनील गंभीर रुप से घायल हुए थे। इन सभी घायलों को इलाज के लिए कोलार गोल्ड फील्ड्स के अस्पतालों में ले जाया गया। केजीएफ के कम्मासंद्रा का रहने वाला यह परिवार बेंगलुरु से लौट रहा था, तभी यह दुर्घटना हुई।रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस को संदेह है कि दुर्घटना का मुख्य कारण तेज गति से वाहन चलाना और लापरवाही से गाड़ी चलाना है। बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे के 68 किलोमीटर लंबे कर्नाटक खंड को पिछले महीने वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया गया था, हालांकि अभी तक इस राजमार्ग का आधिकारिक रूप से उद्घाटन नहीं हुआ है।
260 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर पहुंचने से पहले आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से होकर गुजरता है। हाई-स्पीड यात्रा के लिए डिज़ाइन किया गया, चार लेन वाला कॉरिडोर अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति की अनुमति देता है। दक्षिण भारत के पहले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के रूप में प्रचारित, इस 17,900 करोड़ रुपये की परियोजना से बेंगलुरु और चेन्नई के बीच यात्रा की अवधि को सात घंटे से घटाकर सिर्फ़ तीन घंटे करके क्रांति लाने की उम्मीद है।इस खंड पर पहले से ही प्रतिदिन लगभग 1,600 से 2,000 वाहनों की आवाजाही देखी जा रही है। वर्तमान में मोटर चालक मुलबागल और आंध्र प्रदेश की सीमा तक पहुँचने के लिए एक गाँव की सड़क से एक्सप्रेसवे से बाहर निकलते हैं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More