मिजोरम की चर्च ने धर्म को बचाने के लिए ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की, दक्षिण के नेता भी ज्यादा बच्चे पैदा करने पर दे रहे हैं जोर

राष्ट्रीय जजमेंट 

देश में जहां एक ओर बढ़ती जनसंख्या की वजह से तमाम तरह की समस्याएं खड़ी हो रही हैं वहीं दूसरी ओर कई राजनेता और धर्मगुरु ज्यादा बच्चे पैदा करने का आह्वान करने में जुटे हुए हैं। हम आपको बता दें कि हाल के दिनों में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री जहां सार्वजनिक रूप से यह आह्वान कर चुके हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए वहीं अब पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम की दूसरी सबसे बड़ी चर्च बैपटिस्ट चर्च ऑफ मिजोरम ने लोगों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की है। यही नहीं, आंध्र प्रदेश में सत्तारुढ़ टीडीपी के एक सांसद ने तो तीसरी संतान होने पर लोगों को अपनी तरफ से तमाम चीजें देने की पेशकश भी कर दी है।जहां तक मिजोरम चर्च की बात है तो आपको बता दें कि बैपटिस्ट चर्च ऑफ मिजोरम ने जनसंख्या में गिरावट को देखते हुए ‘बेबी बूम’ यानि लोगों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की है। यह अपील इसलिए की गयी है ताकि धर्म की रक्षा की जा सके। चर्च ने विवाहित जोड़ों को संबोधित करते हुए कहा है कि उन्हें ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए ताकि मिजो समुदाय का अस्तित्व और पहचान कायम रहे। दरअसल मिजोरम में अवैध प्रवासियों की बढ़ती आमद को देखते हुए चर्च को चिंता है कि अगर मिजो लोगों की तादाद घटती रही तो समाज, धर्म और राज्य पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा।
वहीं आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी की ओर से विजयनगरम के सांसद के. अप्पाला नायडू के बयान की बात करें तो आपको बता दें कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में हर तीसरी संतान के रूप में लड़की पैदा होने पर 50,000 रुपये देने का ऐलान किया है। नायडू ने कहा है कि वह नवजात बच्ची के नाम से सावधि जमा के रूप में यह धनराशि जमा करेंगे, जो उसकी शादी की उम्र तक 10 लाख रुपये तक हो सकती है। अप्पाला नायडू ने कहा, ”अगर तीसरी संतान के रूप में लड़का हुआ, तो हम एक गाय और एक बछड़ा देंगे। अगर तीसरी संतान लड़की हुई, तो हम 50,000 रुपये की सावधि जमा करेंगे। भारत की जनसंख्या बढ़नी चाहिए।” सांसद ने कहा कि वह मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा जनसंख्या बढ़ाने के लिए किए गए आह्वान से प्रेरित हैं। अप्पाला नायडू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की हर महिला को यह प्रस्ताव देने का वादा करते हुए याद किया कि राजनीति और जीवन में कई महिलाओं ने उन्हें प्रोत्साहित किया, जिनमें उनकी मां, पत्नी, बहनें और बेटी शामिल हैं।हम आपको बता दें कि हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाएं जनसंख्या संकट का सामना कर रही हैं। नायडू ने कहा था कि भले ही इन देशों के पास कृत्रिम मेधा (एआई) और अत्याधुनिक तकनीक जैसे उन्नत संसाधन उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें संचालित करने के लिए पर्याप्त कार्यबल नहीं है। उन्होंने कहा, “दुनिया के सभी शीर्ष देश संघर्ष कर रहे हैं। वहां जनसंख्या नहीं है। एआई और तकनीक मौजूद हैं, लेकिन उन्हें संचालित करने वाले लोग नहीं हैं।” पिछले कुछ महीनों में, तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख नायडू आंध्र प्रदेश के लोगों से अधिक बच्चों को जन्म देने का आग्रह कर चुके हैं ताकि घटती जनसंख्या से निपटा जा सके।वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी लगातार युवाओं को शादी के तुरंत बाद बच्चे पैदा करने तथा ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह दे रहे हैं। इसके पीछे वह तर्क दे रहे हैं कि अधिक जनसंख्या अधिक संसदीय सीटें पाने का मानदंड है। स्टालिन ने हाल ही में एक विवाह समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि कई साल पहले नवविवाहितों को सलाह दी जाती थी कि वे शादी के तुरंत बाद बच्चे पैदा न करें। उन्होंने कहा कि हालांकि, अब यह सलाह नहीं दी जानी चाहिए और इसकी कोई जरूरत भी नहीं है। स्टालिन ने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि अब ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि अधिक जनसंख्या होने पर ही अधिक सांसद सुनिश्चित होंगे क्योंकि परिसीमन की प्रक्रिया जनसंख्या के आधार पर होगी। उन्होंने दूल्हा-दुल्हन से अपील करते हुए कहा, ‘‘मैं आपसे यह नहीं कहूंगा कि आप जल्दबाजी में बच्चे पैदा न करें, बल्कि तुरंत बच्चे पैदा करें; और उन्हें सुंदर तमिल नाम दें।’

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