कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव से जुड़े सोने की तस्करी मामले में बेंगलुरु के होटल व्यवसायी का पोता गिरफ्तार

राष्ट्रीय जजमेंट

कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव द्वारा सोने की तस्करी के मामले में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) जांच में जुटी हुई है। इस मामले में डीआरआई की टीम ने बेंगलुरु में बड़ा एक्शन लिया है। टीम ने अटरिया होटल के मालिक के पोते तरुण राजू को गिरफ्तार किया है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तरुण राजू की गिरफ्तारी तब हुई जब रान्या राव को केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 12.56 करोड़ रुपये मूल्य के सोने के साथ हिरासत में लिया गया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट की मानें तो जांच में सामने आया है कि तस्करी मामले में तरुण राजू भी शामिल है, जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद उसे बेंगलुरु की विशेष आर्थिक अपराध अदालत में पेश किया गया। अदालत ने डीआरआई को आगे की पूछताछ के लिए पांच दिन की हिरासत दी।अधिकारियों का मानना है कि राजू और रान्या राव सोने की तस्करी के रैकेट में शामिल हो सकते है। ये उस रैकेट में विदेशों से सोना लाने का काम करते थे। आर्किटेक्ट जतिन हुक्केरी से रान्या की शादी के बाद उनके बीच कथित मतभेद के बावजूद, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि उन्होंने अपनी अवैध गतिविधियाँ जारी रखीं थी। जांच एजेंसी ने पाया कि दुबई से सोना तस्करी करते समय रान्या ने राजू से संपर्क किया था, जो उसकी गिरफ्तारी का एक महत्वपूर्ण कारण था। डीआरआई ने राजू को दो दिन पहले हिरासत में लिया था, जबकि रान्या पहले से ही हिरासत में था। बाद में अधिकारियों ने दोनों संदिग्धों से उनकी संलिप्तता की पूरी हद तक जांच करने के लिए उनका आमना-सामना कराया।कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम के पुलिस महानिदेशक रामचंद्र राव की सौतेली बेटी रान्या राव ने कथित तौर पर अपराध में शामिल होने की बात कबूल कर ली है। रान्या ने अधिकारियों से जांच को गोपनीय रखने का आग्रह किया है और उन्हें पूरा सहयोग देने की पेशकश की है। डीआरआई की जांच के तहत अधिकारियों ने उनके घर की तलाशी ली, जिसमें ₹2.06 करोड़ मूल्य के सोने के आभूषण और ₹2.67 करोड़ मूल्य की भारतीय मुद्रा बरामद की गई।सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान रान्या राव ने आरोप लगाया कि जब भी उन्होंने सवालों के जवाब देने से इनकार किया तो डीआरआई अधिकारियों ने उनके साथ “मौखिक दुर्व्यवहार” किया। हालांकि, जांच अधिकारी (आईओ) ने इन दावों का खंडन करते हुए जज को आश्वासन दिया कि रान्या को अधिकारियों की ओर से किसी तरह का उत्पीड़न नहीं झेलना पड़ा। जवाब में जज ने सवाल किया, “आपको अपने वकील से सलाह लेने के लिए 30 मिनट का समय दिया गया था। आपने उन्हें क्यों नहीं बताया? उन्होंने इस बारे में याचिका क्यों नहीं दायर की?”
रान्या ने आगे आरोप लगाया कि उन्हें दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने न्यायाधीश से कहा, “मैंने जांच में पूरा सहयोग किया है। मैंने केवल तीसरे दिन हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, लेकिन उसके बाद मैंने सहयोग किया।” कर्नाटक के अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता सोना तस्करी मामले में डीजीपी स्तर के अधिकारी रामचंद्र राव की भूमिका की जांच करेंगे।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More