मॉरीशस में पीएम मोदी , नजर बिहार चुनाव पर, यूं ही नहीं उमड़ रहा भोजपुरी प्रेम

राष्ट्रीय जजमेंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस में है। हालांकि मॉरीशस की उनकी यात्रा कहीं ना कहीं बिहार की चुनावी सियासत को काफी प्रभावित कर रही है। दरअसल, मोदी है तो मॉरिशस में लेकिन उनकी नजर पूरी तरीके से बिहार चुनाव पर है। तभी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस में अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में की। बीच-बीच में भोजपुरी बोलते रहे। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस पहुंचे तो उनका स्वागत भोजपुरी के लोकगीतों से हुआ। इसके अलावा प्रधानमंत्री यह बताना वहां नहीं भूले कि वह भी पूर्वांचल से सांसद है जहां भोजपुरी बोली जाती है। इतना ही नहीं, मोदी ने तो वहां भोजपुरी में बोलते हुए यह तक कह दिया कि हम बिहार के गौरव फिर से वापस लाइब। मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री को गिफ्ट के तौर पर भी बिहार में बने मखाने भेंट किए।प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में भोजपुरी गीत-संगीत का आयोजन किया गया, जिससे वे बेहद प्रभावित हुए। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि मॉरीशस में यादगार स्वागत भइल। सबसे खास रहल गहिरा सांस्कृतिक जुड़ाव, जवन गीत – गवई के प्रदर्शन में देखे के मिलल। ई सराहनीय बा कि महान भोजपुरी भाषा मॉरीशस के संस्कृति में आजुओ फलत-फूलत बा और मॉरीशस के संस्कृति में अबहियो जीवंत बा। मोदी ने अपने 30 मिनट के भाषण के दौरान अक्सर भोजपुरी का इस्तेमाल किया, क्योंकि इस द्वीपीय देश की 70 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है, जो मुख्य रूप से भोजपुरी भाषी हैं। मोदी ने कहा कि अगर मॉरीशस में कोई भारतीय फिल्म शूट की जाती है तो उसके हिट होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मैं मॉरीशस आता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपने ही लोगों के बीच हूं।’’ वर्तमान में देखें तो देश में भाषा को लेकर जबरदस्ती तरीके से विवाद हो रहा है। हालांकि, भाषा के जरिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खुद अमित शाह बिहार को साधने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां भोजपुरी के जरिए बिहार की सियासत और विरासत दोनों को एक करने की कोशिश में है। प्रधानमंत्री का भोजपुरी प्रेम यूं ही नहीं है। हां, यह बात सही है कि प्रधानमंत्री वाराणसी से सांसद हैं। ऐसे में वहां भी भोजपुरी जबरदस्ती तरीके से बोली जा रही है। लेकिन मॉरीशस में प्रधानमंत्री भोजपुरी भाषा को इतना प्रमोट कर रहे हैं इसका मतलब साफ है कि उनकी नजर बिहार चुनाव पर है। पहली बात तो यह है कि मॉरीशस को मिनी बिहार कहा जाता है। अंग्रेजों के समय में यहां भारी तादाद में बिहारी मजदूर गए थेय, लगातार यह सिलसिला चलता रहा और आज यहां 70 फ़ीसदी लोग भारतीय मूल के हैं और यहां 54 फ़ीसदी लोग भोजपुरी बोलते हैं। दूसरी बात यह है कि बिहार में लगभग ऐसे 10 से 15 जिले हैं जहां भोजपुरी जबरदस्त तरीके से बोली जाती है। इनमें बक्सर, आरा, सासाराम, काराकट, औरंगाबाद जैसी लोकसभा सीटें भी है, जहां भाजपा का प्रदर्शन पिछले चुनाव में अच्छा नहीं रहा था। बिहार की भोजपुरी बेल्ट में लगभग 100 विधानसभा सीटों के आसपास का समीकरण आता है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी उन सीटों पर पार्टी को जीत दिलाने के लिए भोजपुरी प्रेम दिखा रहे हैं। इतना ही नहीं, भोजपुरी पूर्वांचल में भी जबरदस्त तरीके से बोली जाती है। उत्तर प्रदेश के ऐसे 20 से 22 जिले हैं जहां भोजपुरी मुख्य भाषा है। ऐसे में न सिर्फ बिहार बल्कि पीएम मोदी यूपी को भी साधने की कोशिश में है।वहीं अमित शाह भी मैथिली भाषा पर जोर दे रहे हैं। ‘शाश्वत मिथिला महोत्सव 2025’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी वादा किया कि सीता माता का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार गया था, तो मैंने कहा था कि राम मंदिर बन गया है, अब सीता माता का भव्य मंदिर बनाने की बारी है। मंदिर पूरी दुनिया को नारी शक्ति का संदेश देगा और यह बताएगा कि जीवन कैसे हर तरह से आदर्श होना चाहिए।’’ शाह ने कहा, ‘‘गुजरात में बसे मिथिलांचल और बिहार के लोगों ने इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।’’ शाह ने एक्स पर ट्वीट में मैथिली भाषा में किया था।

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