मस्जिदों को तिरपाल से ढकने की एसपी विधायक ने बताई वजह, कहा- त्योहारों का राजनीतिकरण करने की जरूरत नहीं

राष्ट्रीय जजमेंट

होली के त्यौहार से पहले मस्जिदों को तिरपाल से ढकने पर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी ने कहा कि त्यौहारों का राजनीतिकरण करने की कोई ज़रूरत नहीं है। मैं कल होली मनाने वाले सभी लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे इसे उत्साहपूर्वक मनाएं लेकिन बिना सहमति के किसी भी मुस्लिम पर रंग न फेंके। मजबूरी में घर पर नमाज़ पढ़ी जा सकती है लेकिन मस्जिद में ‘जुम्मे की नमाज़’ अदा करना ज़रूरी है। मैं अपने मुस्लिम भाइयों से भी अनुरोध करूंगा कि अगर कोई आप पर रंग डालता है, तो झगड़ा न करें क्योंकि यह माफ करने का महीना है, भाईचारे का महीना है। मस्जिदों को ढका जाना चाहिए ताकि कोई भी रंग उस पर न फेंके और कोई विवाद ना हो। अबू आजमी ने कहा कि हमारा मुल्क एक गंगा जमुनी तहजीब है। सभी को मिलकर अपने अपने त्यौहार को मनाना चाहिए। आज़मी ने कहा कि मस्जिदों को अवश्य ही ढकना चाहिए, ताकि उन पर कोई रंग न फेंका जा सके, जिससे विवाद पैदा हो सकता है। उत्तर प्रदेश में स्थानीय प्रशासन के एक निर्णय के बाद, होली के त्यौहार से पहले कई मस्जिदों को तिरपाल की चादरों से ढक दिया गया। इस कदम का उद्देश्य किसी भी अप्रिय घटना को रोकना और उत्सव के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना है। स्थानीय प्रशासन के निर्देश के बाद, उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद को होली के त्यौहार से पहले बुधवार को तिरपाल की चादर से ढक दिया गया।ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने होली के दौरान मस्जिदों को ढकने के उत्तर प्रदेश के स्थानीय प्रशासन के आदेश की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह मुसलमानों को कमज़ोर करने और गुंडों को बढ़ावा देने की साजिश है। इस आदेश की निंदा करते हुए रशीदी ने कहा कि मुसलमानों को निशाना बनाना और मस्जिदों के नाम पर आदेश जारी करना असंवैधानिक है। रशीदी ने कहा कि मुसलमानों को निशाना बनाना और मस्जिदों के नाम पर आदेश जारी करना असंवैधानिक है। यह मुसलमानों को कमज़ोर करने और गुंडों को बढ़ावा देने की साजिश है। मैं इसकी निंदा करता हूँ।

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