दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने एलजी और पीडब्ल्यूडी मंत्री के साथ प्रमुख नालों की स्थिति का किया निरीक्षण

राष्ट्रीय जजमेंट

नयी दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को शहर के प्रमुख नालों की स्थिति का निरीक्षण किया और अधिकारियों को मानसून से पहले इनकी सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के साथ उपराज्यपाल वी के सक्सेना, लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा और अन्य अधिकारी भी थे।गुप्ता ने ‘निकासी प्रणाली की अनदेखी करने’ के लिए पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि इसके कारण सड़कों पर जलभराव हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पिछली सरकारों ने इन नालों को गंभीरता से नहीं लिया। जब इन जैसे बड़े नालों की सफाई नहीं की जाती तो जल-मल का सड़कों पर बहना स्वाभाविक है।’उन्होंने बरसात के मौसम में सड़कों पर पानी भरने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। गुप्ता ने सुनहरी, बारापुला और कुशक नालों की स्थिति का निरीक्षण किया तथा पाया कि उनके रखरखाव के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसी के बीच समन्वय की कमी है।उन्होंने कहा, ‘विभिन्न एजेंसी के बीच इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी कि नालों की सफाई और रखरखाव कौन करेगा। हमने अब यह जिम्मेदारी बाढ़ और सिंचाई विभाग को दे दी है। नालों से समय पर गाद निकालने की जिम्मेदारी इसी एजेंसी की होगी। इस काम के लिए एक योजना बनाई जाएगी और बजट आवंटित किया जाएगा।’गुप्ता ने कहा कि पहले से तैयारी करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘इन नालों को मानसून से पहले साफ किया जाना चाहिए, ताकि उनमें बारिश के दौरान पानी न भरे। एक दिन में कुछ नहीं होता। हमें प्रदूषण से निपटने के लिए गर्मियों की कार्ययोजना और सर्दियों की योजना आज से ही शुरू करनी होगी।’ उन्होंने कुशल शासन सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार की रणनीति को भी रेखांकित किया। गुप्ता ने कहा, ‘सभी मंत्रियों को मिशन दिए गए हैं और हमारे सभी विधायकों को लोक कार्यों में लगाया गया है।’मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सुनिश्चित किया है कि जलभराव को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी समस्या है जिसके कारण पिछले मानसून में शहरवासियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था की स्थिति हाल के विधानसभा चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा थी। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) को हराया था। भाजपा ने 70 में से 48 सीट जीतीं जबकि ‘आप’ को केवल 22 सीट पर जीत मिली।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More