जेएनयू में विभाजनकारी नारे के खिलाफ एबीवीपी ने किया ‘एकात्मता यात्रा’ का आयोजन

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हाल ही में जेएनयूएसयू की जनरल सेक्रेटरी द्वारा कथित तौर पर विभाजनकारी नारे लगाए गए थे। इस के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की जेएनयू इकाई ने ‘जेएनयू एकात्मता यात्रा’ आयोजित किया। जिसमें 300 से ज़्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया, जिसका प्रमुख उद्देश्य सनातन संस्कृति, सामाजिक समरसता और राष्ट्रवाद के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना था। यह एकात्मता यात्रा जेएनयू के गंगा ढाबा से आरंभ होकर बराक हॉस्टल पर सम्पन्न हुई।

इससे पूर्व भी अभाविप ने ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में संवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जिससे छात्रों में राष्ट्रीय एकता की भावना को प्रोत्साहित किया जा सके। अभाविप-जेएनयू ने स्पष्ट किया है कि वे किसी भी विभाजनकारी राजनीति का कड़ा विरोध करेंगे और विश्वविद्यालय परिसर में शांति और एकता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अभाविप-जेएनयू के अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने कहा, “जेएनयू की पहचान उसकी विविधता और समावेशिता में निहित है। विभाजनकारी नारों के माध्यम से इस एकता को खंडित करने के प्रयासों का हम कड़ा विरोध करते हैं। ‘जेएनयू एकात्मता यात्रा’ के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि विश्वविद्यालय का प्रत्येक छात्र एकजुट है और किसी भी विभाजनकारी विचारधारा को स्वीकार नहीं करेगा।”

वहीं इकाई मंत्री शिखा स्वराज ने कहा, “छात्रसंघ के पदों का उपयोग यदि समाज में विभाजन पैदा करने के लिए किया जाएगा, तो यह न केवल विश्वविद्यालय के मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि देश की एकता के लिए भी खतरा है। अभाविप द्वारा आयोजित यह एकात्मता यात्रा विश्वविद्यालय परिसर में सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रवाद के मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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