पश्चिमी जिला पुलिस का सराहनीय प्रयास, पुस्तकालयों से युवाओं को मिल रही नई दिशा

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने पश्चिमी जिले में एक अनूठी पहल के जरिए स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने का बीड़ा उठाया है। वर्ष 2022 में शुरू की गई इस पहल के तहत पुलिस थानों में सार्वजनिक पुस्तकालय स्थापित किए गए, जो बच्चों और युवाओं को पढ़ाई के लिए अनुकूल माहौल प्रदान कर रहे हैं। खास तौर पर क्लस्टर वाले क्षेत्रों में यह प्रयास बेहद कारगर साबित हुआ है।

पश्चिमी जिले के डीसीपी विचित्र वीर ने बताया कि अब तक पश्चिमी जिले के 9 पुलिस स्टेशनों और एक पुलिस चौकी में ये पुस्तकालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें से चार नए पुस्तकालय नारायणा, इंद्रपुरी, विकासपुरी और पंजाबी बाग में वर्ष 2024 में शुरू हुए हैं। ये पुस्तकालय स्थानीय बच्चों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। यहां बुनियादी किताबों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए संसाधन उपलब्ध हैं। भीड़-भाड़ वाले क्लस्टर क्षेत्रों में जहां पढ़ाई के लिए शांत और सकारात्मक वातावरण की कमी एक बड़ी समस्या है, ये पुस्तकालय बच्चों को ऐसा स्थान दे रहे हैं जहां वे अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं। किताबों के साथ-साथ इन पुस्तकालयों का सबसे बड़ा योगदान है एक सक्षम और प्रेरणादायक माहौल प्रदान करना।

उन्होंने आगे बताया कि इन पुस्तकालयों में करीब 400 बच्चे और युवा वयस्क नामांकित हैं, जिनमें से 250 से अधिक नियमित रूप से पढ़ाई के लिए आते हैं। इस पहल का असर साफ दिख रहा है। अब तक 10 युवाओं ने दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ और बैंकों जैसी सरकारी नौकरियों में सफलता हासिल की है। ये उपलब्धियां इस प्रयास की सार्थकता को रेखांकित करती हैं। ये पुस्तकालय न केवल पढ़ाई का केंद्र हैं, बल्कि पुलिस और स्थानीय समुदाय के बीच सकारात्मक रिश्तों को मजबूत करने का जरिया भी बन रहे हैं। यह प्रयास सिर्फ किताबें या जगह देने तक सीमित नहीं है। इसका मकसद बच्चों और युवाओं को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचाने में मदद करना और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना है।

डीसीपी विचित्र वीर ने इस पहल पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य युवाओं को संसाधन और सही माहौल देकर उनकी प्रतिभा को उभारना है। यह न सिर्फ उनके व्यक्तिगत विकास के लिए है, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए एक सकारात्मक समाज तैयार करने की दिशा में भी एक कदम है।”

सामाजिक बदलाव का माध्यम

यह पहल न केवल शैक्षिक स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर भी बदलाव ला रही है। पुलिस थानों को आमतौर पर सख्ती और कानून से जोड़ा जाता है, लेकिन इन पुस्तकालयों ने उनकी छवि को एक नई पहचान दी है। ये स्थान अब समुदाय के लिए शिक्षा और प्रेरणा के केंद्र बन गए हैं। खास तौर पर उन बच्चों के लिए जो आर्थिक या सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं, यह पहल एक सुनहरा अवसर साबित हो रही है।

पश्चिमी जिला पुलिस इस पहल को और विस्तार देने की योजना बना रही है। आने वाले समय में और थानों में पुस्तकालय शुरू करने के साथ-साथ इनमें संसाधनों को बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। यह कदम न सिर्फ युवाओं के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More