डिजिटल अरेस्ट कर 1.03 करोड़ की ठगी: साइबर थाना एनआईटी ने गुजरात से दो आरोपियों को दबोचा

फरीदाबाद : डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी के एक बड़े मामले में फरीदाबाद साइबर थाना एनआईटी की टीम ने गुजरात से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान राजकोट निवासी 35 वर्षीय रोनक और भावनगर निवासी 29 वर्षीय कृष्णा के रूप में हुई है। इस मामले में पहले 12 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। तकनीक के दुरुपयोग से साइबर ठग लोगों को निशाना बना रहे हैं, और ऐसे मामले फरीदाबाद में भी बढ़ते जा रहे हैं।

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक फरीदाबाद की एक महिला ने साइबर थाना एनआईटी में शिकायत दर्ज की। महिला सतरूपा ग्लोबल डिक्शनरी एंड पब्लिशिंग लिमिटेड कंपनी की मालिक है। उसने बताया कि 29 सितंबर को उसे एक कॉल आया, जिसमें ठगों ने दावा किया कि उसकी कंपनी के खाते से अवैध लेन-देन हो रहा है। ठगों ने व्हाट्सएप पर फर्जी नोटिस भेजकर उसे डराया। इसके बाद लगातार वीडियो कॉल कर धमकी दी कि वह किसी से कुछ न कहे, कमरा न छोड़े और नौकरों को हटा दे। ठगों ने उस पर नजर रखी और डरा-धमकाकर 1,03,70,000 रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया।

साइबर थाना एनआईटी की टीम ने राजकोट निवासी 35 वर्षीय रोनक और भावनगर निवासी 29 वर्षीय कृष्णा को राजकोट से गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि रोनक दसवीं पास है और सब्जी मंडी में दुकान चलाता है। वह खाताधारक था, जिसमें 16 लाख रुपये आए थे। वहीं, कृष्णा 12वीं पास है और पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री करता है। वह खाते से पैसे निकालकर आगे सप्लाई करता था।

आरोपियों से गहन पूछताछ के लिए उन्हें 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस मामले में अन्य संलिप्त लोगों की तलाश कर रही है। इससे पहले इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने नागरिकों से अनजान कॉल्स और डिजिटल धमकियों से सतर्क रहने की अपील की है।

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