कैलाश मंसारोवर यात्रा फिर से शुरू करने के तौर-तरीकों पर चर्चा अभी बाकी : विदेश मंत्रालय

राष्ट्रीय जजमेंट

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल फिर से शुरू करने पर सहमति बन गई है, लेकिन इसके तौर-तरीकों को अब भी तय किया जाना बाकी है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान इस तीर्थयात्रा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई बैठक के बाद भारतीय और चीनी पक्ष के बीच विभिन्न स्तरों पर हुए समग्र रचनात्मक संवाद का भी जिक्र किया।जायसवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक भारत-चीन वार्ता का संदर्भ है, जब से कजान में चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच बैठक हुई है, तब से विदेश मंत्री और एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) के स्तर पर हमारे बीच रचनात्मक बातचीत हुई है। विदेश सचिव भी जनवरी में चीन गए थे, जहां उन्होंने उनके समकक्ष से मुलाकात की थी।’’जायसवाल ने कहा, बातचीत एवं संवाद जारी है और वे सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कई सैद्धांतिक सहमति या सैद्धांतिक समझ बन गई है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हम इन पर आगे बढ़ेंगे।विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने फरवरी में जोहानिसबर्ग में जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान मुलाकात की थी। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं सौहार्द्र के प्रबंधन तथा कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली के संबंध में प्रगति की समीक्षा की थी।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रेस वार्ता में कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, “यह सहमति बन गई है कि यात्रा 2025 में फिर से शुरू होगी। हालांकि, यह फिर से कैसे शुरू होगी और इसके तौर-तरीके क्या होंगे, इस पर अभी चर्चा होनी बाकी है।”सरकार हर साल जून से सितंबर के बीच उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा (1981 से) और सिक्किम में नाथू ला (2015 से) के दो आधिकारिक मार्गों से कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन करती है।

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