दिल्ली में मंदिर ध्वस्तीकरण के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद का कड़ा रुख, प्रशासन से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग

नई दिल्ली: दिल्ली के जमुना बाजार में प्रशासन द्वारा मंदिरों के कथित ध्वस्तीकरण के एक दिन बाद, विश्व हिंदू परिषद ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। रविवार को दिल्ली प्रांत के प्रतिनिधिमंडल ने प्रांत मंत्री सुरेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और वहाँ मौजूद पुजारियों व स्थानीय निवासियों से मुलाकात की। इस दौरान प्रांत मंत्री ने पीड़ितों को आश्वासन दिया कि विहिप प्रशासन से बातचीत कर मंदिरों के लिए वैकल्पिक स्थान की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।

जमुना बाजार में स्थिति का जायजा लेने के बाद सुरेंद्र गुप्ता ने जिला मंत्री प्रेम शर्मा को तत्काल प्रभाव से एक सहायता केंद्र और पंजीकरण केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी छोटे-बड़े मंदिरों का उनके दस्तावेजों के साथ पंजीकरण किया जाएगा, ताकि इस मामले को सरकार और संबंधित अधिकारियों के समक्ष प्रभावी ढंग से उठाया जा सके। प्रांत मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह कदम धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी है।

गुप्ता ने प्रशासन पर न्यायालय के आदेशों का गलत हवाला देने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि न्यायालय ने केवल दिल्ली सरकार की धार्मिक समिति द्वारा चिन्हित स्थानों के ध्वस्तीकरण की अनुमति दी थी, लेकिन प्रशासन ने इस निर्देश का उल्लंघन करते हुए मनमाने ढंग से कार्रवाई की। प्रांत मंत्री ने इसे धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करार देते हुए कहा कि विहिप इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी।

प्रांत मंत्री ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने मांग की कि ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाई जाए और धार्मिक समिति की समीक्षा की जाए। गुप्ता ने सुझाव दिया कि समिति में ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया जाए जो धर्म और संस्कृति के प्रति संवेदनशील हों, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, उन्होंने सभी प्रभावित धार्मिक स्थलों के मामलों की पुनर्समीक्षा की मांग की, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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