दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नीरज बवाना-अमित भूरा गैंग के शार्प शूटर को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच दक्षिणी रेंज ने नीरज बवाना-अमित भूरा गैंग के भगोड़े शार्प शूटर और पूर्व पहलवान संजीत दलाल उर्फ मंगल को सिंधु बॉर्डर इलाके से गिरफ्तार किया है। 31 वर्षीय मंगल हरियाणा के बहादुरगढ़ का निवासी है, लंबे समय से फरार था और दिल्ली-एनसीआर में कई अपराधों में वांछित था।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि मंगल नीरज बवाना, नवीन बाली, नवीन भांजा, अमित भूरा, राहुल काला और सुबेग उर्फ शिब्बू जैसे टॉप गैंगस्टरों का करीबी सहयोगी रहा है। उसके खिलाफ पुलिस टीमों पर फायरिंग, माफिया जबरन वसूली के लिए गोलीबारी, डकैती, हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट जैसे 10 गंभीर मामले दर्ज हैं। दिल्ली की विभिन्न अदालतों में वह तीन मामलों में वांछित था, जिसमें 2018 में लाजपत नगर के पिशोरी रेस्टोरेंट पर फायरिंग और 2016 में मुंडका का आर्म्स एक्ट का मामला शामिल है। उसे 2016 में प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किया गया था और उसके खिलाफ कई नॉन-बेलेबल वारंट जारी किए गए थे।

डीसीपी ने बताया कि क्राइम ब्रांच की दक्षिणी रेंज की टीम इंस्पेक्टर सतीश मलिक और एसीपी नरेश सोलंकी की निगरानी में दिल्ली-एनसीआर में गैंग की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। टीम को एक महीने की मेहनत के बाद सिंधु बॉर्डर के पास मंगल की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली। इसके बाद टीम ने राष्ट्रीय राजमार्ग व आसपास के इलाकों में जाल बिछाकर उसे धर दबोचा।

पूछताछ में मंगल ने बताया कि नीरज बवाना ने उसे प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर करतार की हत्या के लिए स्थानीय समर्थन जुटाने के मकसद से अपने गैंग में शामिल किया था। मंगल ने जबरन वसूली, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट का उल्लंघन और कार चोरी जैसे कई अपराधों में हिस्सा लिया। वह हाल ही में साहिल रिटौली और हिमांशु भाऊ के संपर्क में था, जो दिल्ली और हरियाणा में कई अपराधों के लिए वांछित हैं और वर्तमान में विदेश में फरार हैं। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए दो बार इनाम भी घोषित किया था।

हरियाणा के झज्जर जिले में जन्मे मंगल ने बचपन से कुश्ती में रुचि दिखाई और राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते। 2007 में उसने 88 किलोग्राम वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक हासिल किया था। सुशील पहलवान से प्रेरित होकर उसने पहलवानी में करियर शुरू किया था, लेकिन पारिवारिक संकट ने उसकी जिंदगी को बदल दिया। 2010 में मां की कैंसर से मृत्यु और पिता के घर छोड़ने के बाद वह अकेला पड़ गया। इसी दौरान कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना ने उसे अपने गिरोह में शामिल कर लिया।

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