चुनाव के समय जुबां पर हनुमान, सरकार बनने पर मन में मुसलमान, DK Shivakumar यह कैसी बना रहे हैं अपनी पहचान?

राष्ट्रीय जजमेंट

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और राहुल गांधी के बेहद करीबी नेताओं में शुमार डीके शिवकुमार ने कहा है कि हम धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करेंगे। हैरत की बात है कि संविधान में बदलाव की बात वह डीके शिवकुमार कर रहे हैं जिनकी पार्टी कांग्रेस ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को डराते हुए कहा था कि यदि भाजपा 400 सीटों के पार गयी तो संविधान बदल देगी। संविधान में बदलाव की बात वह डीके शिवकुमार कर रहे हैं जिनकी पार्टी के नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य सांसदों ने संसद की सदस्यता की शपथ लेते समय संविधान की प्रति हाथ में ले रखी थी। संविधान में बदलाव की बात वह डीके शिवकुमार कर रहे हैं जिनकी पार्टी के तमाम नेता अक्सर अपनी चुनावी रैलियों और जनसभाओं में संविधान की लाल पुस्तक प्रदर्शित करते हुए इसकी रक्षा के लिए कसमें खाते हैं।सवाल यह भी उठता है कि डीके शिवकुमार में आये इस बदलाव के कारण क्या हैं? सवाल उठता है कि आखिर तुष्टिकरण की नीति को ही मुख्यमंत्री पद की कुर्सी का रास्ता क्यों मान बैठें हैं डीके शिवकुमार? सवाल यह भी उठता है कि चुनावों के दौरान हिंदूवादी चेहरा दिखाना और चुनाव के बाद एक वर्ग का तुष्टिकरण करना क्या दोहरा राजनीतिक चरित्र नहीं है? मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए संविधान बदल देने का वादा कर रहे डीके शिवकुमार कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले क्या कह रहे थे जरा यह भी जान लीजिये। हम आपको याद दिला दें कि चुनावों के दौरान डीके शिवकुमार ने कर्नाटक में हनुमान मंदिरों का निर्माण करने या पूरे राज्य में मौजूदा मंदिरों का जीर्णोद्धार करने का वादा किया था। रामनगर में कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे शिवकुमार ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि कांग्रेस सभी महत्वपूर्ण आंजनेय मंदिरों, विशेष रूप से आंजनेय से जुड़े ऐतिहासिक स्थानों के विकास के लिए विशेष नीतियां बनाएगी। शिवकुमार ने वादा किया था कि हम राज्य के सभी तालुकों में आंजनेय के नाम पर नीतियां और कार्यक्रम बनाएंगे, जिससे युवाओं को हनुमान के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने देवी चामुंडेश्वरी की शपथ लेते हुए कहा था कि कांग्रेस अंजनाद्री विकास बोर्ड की स्थापना करेगी। ऐसे में सवाल उठता है कि चुनावों के दौरान किये गये वादों और देवी की जो शपथ ली थी उसका क्या हुआ? सवाल यह भी उठता है कि क्या कांग्रेस पार्टी संविधान में बदलाव कर SC, ST और OBC का आरक्षण छीनकर धर्म के आधार पर एक समुदाय को आरक्षण देगी? सवाल यह भी उठता है कि जब भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो यहां धर्म के आधार पर आरक्षण कैसे दिया जा सकता है? सवाल यह भी है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित सीमा से आरक्षण कैसे आगे जा सकता है?जहां तक डीके शिवकुमार के विवादित बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में यह टिप्पणी की है। डीके शिवकुमार ने सवालों के जवाब में कहा है कि समाज के हर वर्ग का उत्थान करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमने कुछ पहल की है और हम जानते हैं कि हर कोई अदालत का दरवाजा खटखटाएगा। उन्होंने कहा कि कई फैसलों ने समय के साथ संविधान को बदल दिया है। चलिए देखते हैं। अदालत क्या फैसला सुनाती है। हमने कुछ शुरू किया है, मुझे पता है कि हर कोई अदालत जाएगा। आइए किसी अच्छे दिन का इंतजार करें, वह दिन आएगा। बहुत सारे बदलाव हैं, संविधान बदल रहा है, ऐसे फैसले हैं जो संविधान को भी बदल देते हैं।दूसरी ओर, डीके शिवकुमार की इस टिप्पणी पर बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बयान पर कहा है कि डीके शिवकुमार की ओर से यह कहना कि अगर मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए हमें संविधान को बदलना पड़े तो हम तैयार हैं, ये बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान के साथ मजाक है। वहीं आज यह मुद्दा संसद में भी उठा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की मुस्लिम आरक्षण के लिए संवैधानिक बदलाव संबंधी टिप्पणी का मुद्दा उठाया, जिसके बाद राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया।

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