साइबर थाना सेंट्रल ने फर्जी सप्लायर बनकर व्यवसायी से ठगी करने वाले पांच आरोपियों को दबोचा

फरीदाबाद: झूठे सप्लायर बनकर एक व्यवसायी से ठगी करने के मामले में फरीदाबाद के साइबर थाना सेंट्रल की टीम ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तकनीक का दुरुपयोग कर ये ठग ऐ4 साइज पेपर की सप्लाई के बहाने व्यवसायी से 8 लाख 52 हजार 650 रुपये ठगने में कामयाब रहे थे।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सेक्टर-16, फरीदाबाद के एक व्यवसायी ने साइबर थाना सेंट्रल में शिकायत दर्ज की। शिकायतकर्ता ऐ4 साइज पेपर सप्लाई का व्यवसाय करता है और उसे अपने कारोबार के लिए पेपर की जरूरत थी। इसके लिए उसने जस्ट डायल ऐप पर पेपर सप्लायर सर्च किया, जहां उसे ठगों का नंबर मिला। जब उसने इस नंबर पर संपर्क किया, तो ठगों ने पेपर सप्लाई का आश्वासन दिया और अग्रिम राशि जमा करने को कहा। शिकायतकर्ता को तुरंत सामान की जरूरत थी, इसलिए उसने भरोसा कर 8,52,650 रुपये ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद न तो सामान डिलीवर हुआ और न ही ठगों से कोई जवाब मिला। जब शिकायतकर्ता को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने पुलिस में मामला दर्ज कराया।

साइबर थाना सेंट्रल की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की और पांच आरोपियों को जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों की 31 वर्षीय पहचान दुर्गेश , 19 वर्षीय आर्यन,25 वर्षीय रजत, 28 वर्षीय अनिल और 28 वर्षीय मुकेश के रूप में हुई है। सभी जयपुर के निवासी हैं।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये आरोपी अलग-अलग पेशे से जुड़े हैं। दुर्गेश लोहे की अलमारी बनाने का काम करता है, आर्यन प्रॉपर्टी डीलर है, रजत डिलीवरी बॉय का काम करता है, मुकेश सैलून में नौकरी करता है, जबकि अनिल बेरोजगार है। ठगी के इस खेल में रजत, दुर्गेश, आर्यन और अनिल के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया, जिसमें फ्रॉड की रकम आई थी। वहीं, मुकेश खाते उपलब्ध कराने और उन्हें ऑपरेट करने का काम करता था। वह पैसे निकालकर आगे ठगों को पहुंचाता था। पुलिस ने मामले की गहराई से जांच के लिए मुकेश और अनिल को 3 दिन के रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान ठगी के पूरे नेटवर्क का पता लगाने और अन्य संलिप्त लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी। बाकी तीन आरोपियों से भी पूछताछ जारी है।

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