दिल्ली में अब हर राज्य का स्टेट डे मनाया जाएगा, उड़ीसा डे से होगी शुरुआत: सीएम रेखा गुप्ता

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक अभूतपूर्व घोषणा करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले विभिन्न राज्यों के लोग दिल्ली की पहचान और संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि अब से हर राज्य का स्टेट डे दिल्ली में उस राज्य के समुदाय के साथ मिलकर पूरे उत्साह और धूमधाम से मनाया जाएगा। इस पहल की शुरुआत आगामी 1 अप्रैल को उड़ीसा डे के भव्य आयोजन के साथ होगी।

दिल्ली की विविधता को सम्मान देने की पहल

दिल्ली, जो भारत का एक लघु रूप मानी जाती है, यहाँ देश के हर कोने से आए लोग रहते हैं और इसे अपना घर बनाते हैं। यहाँ की सांस्कृतिक समृद्धि और एकता में विविधता ही इस शहर की सबसे बड़ी ताकत है। सीएम रेखा गुप्ता ने अपने बयान में कहा, “दिल्ली में बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत सहित सभी राज्यों के लोग रहते हैं। ये सभी हमारे लिए बराबर महत्वपूर्ण हैं। हम चाहते हैं कि हर राज्य के लोग यहाँ अपनी संस्कृति को जीवंत रखें और इसे दूसरों के साथ साझा करें। इसी सोच के साथ हमने यह निर्णय लिया है कि हर राज्य का स्थापना दिवस या स्टेट डे यहाँ बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।”

उड़ीसा डे से होगी शुरुआत

इस नई परंपरा की शुरुआत ओडिशा के स्थापना दिवस, जिसे ‘उत्कल दिवस’ के नाम से भी जाना जाता है, से होगी। 1 अप्रैल, 1936 को ओडिशा एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था और हर साल इस दिन को वहाँ उत्सव के रूप में मनाया जाता है। अब दिल्ली में रहने वाले ओडिया समुदाय के लिए यह दिन और भी खास होने जा रहा है। सीएम ने बताया कि इस आयोजन में ओडिशा की संस्कृति, कला, संगीत, नृत्य और व्यंजनों को प्रदर्शित किया जाएगा। “हम ओडिया समुदाय के लोगों के साथ मिलकर इस दिन को यादगार बनाएंगे। यह सिर्फ एक शुरुआत है, आगे हर राज्य के लिए ऐसा ही आयोजन होगा,”

आयोजन की तैयारियाँ जोरों पर

दिल्ली सरकार ने इस आयोजन के लिए तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। सूत्रों के अनुसार, उड़ीसा डे के मौके पर दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियाँ और फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। ओडिशा के पारंपरिक नृत्य जैसे ओडिसी और संबलपुरी लोक नृत्य, साथ ही वहाँ की मशहूर मिठाइयों जैसे रसगुल्ला और छेना पोड़ा को भी लोगों तक पहुँचाने की योजना है। इसके अलावा, ओडिया भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए विशेष सत्र भी आयोजित किए जा सकते हैं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More