थानेदार बनकर ठगी करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

फरीदाबाद: फरीदाबाद पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ सफलता हासिल की है। साइबर थाना बल्लभगढ़ की टीम ने फर्जी एसएचओ बनकर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुरुग्राम निवासी सुमित, गौतमबुद्ध नगर निवासी सोनिंद्र भाटी और गुरुग्राम निवासी रवि के रूप में हुई है। इनके खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है।

पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि गांव मच्छगर के एक निवासी ने साइबर थाना बल्लभगढ़ में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, बीते वर्ष 26 दिसंबर को उसके पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को थाना सेक्टर-58 का एसएचओ बताया और दावा किया कि शिकायतकर्ता के खिलाफ एक सरकारी कंपनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। उसने शिकायतकर्ता को वापस कॉल करने को कहा। डर के मारे शिकायतकर्ता ने कुछ देर बाद उस नंबर पर कॉल किया, तो कॉलर ने कहा कि वह कॉल एसीपी को ट्रांसफर कर रहा है और फिर कॉल काट दी।

थोड़ी देर बाद एक अन्य नंबर से कॉल आई, जिसमें कॉलर ने दावा किया कि शिकायतकर्ता ने जुलाई महीने में दवाइयाँ ऑर्डर की थीं और डिलीवरी के समय कॉल नहीं उठाया, जिसके चलते सेक्टर-58 पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है। इसके बाद ठगों ने शिकायतकर्ता को एक क्यूआर कोड भेजा और डर का फायदा उठाते हुए नौ ट्रांजैक्शनों के जरिए कुल 1,20,210 रुपये की ठगी कर ली। इस शिकायत के आधार पर साइबर थाना बल्लभगढ़ में मामला दर्ज किया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना बल्लभगढ़ की टीम ने त्वरित कार्रवाई की। जांच के दौरान टीम ने सुमित को गुरुग्राम, सोनिंद्र भाटी को नोएडा और रवि को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके पास से ठगी से संबंधित सबूत भी जुटाए हैं।

आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सुमित और सोनिंद्र भाटी नोएडा में एक निजी मॉडलिंग कंपनी में कैमरामैन और मैनेजर के रूप में काम करते हैं, जबकि रवि गुरुग्राम में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास नौकरी करता है। रवि और सुमित ने कुछ साल पहले एक मेडिसिन कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट में काम किया था, जहाँ से उन्होंने कॉलिंग और लोगों को भरोसे में लेने की तकनीक सीखी थी।

जांच में पता चला कि रवि ने शिकायतकर्ता से फर्जी एसएचओ बनकर बात की थी, जबकि सुमित ने मेडिसिन कंपनी के कर्मचारी के रूप में बात करके ठगी को अंजाम दिया। सोनिंद्र भाटी ने ठगी के पैसे जमा करने के लिए अपना और एक अन्य व्यक्ति का बैंक खाता उपलब्ध कराया था, जिसमें कुल 1,20,210 रुपये ट्रांसफर हुए थे।

आरोपी सुमित और सोनिंद्र भाटी को न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। वहीं, रवि को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। पुलिस रिमांड के दौरान सुमित और सोनिंद्र से गहन पूछताछ की जा रही है ताकि इस ठगी के नेटवर्क और अन्य संभावित पीड़ितों का पता लगाया जा सके।

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