बाहरी जिले में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘शिष्टाचार दस्ता’ का गठन

नई दिल्ली: दिल्ली के बाहरी जिला पुलिस ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए 17 मार्च को ‘शिष्टाचार दस्ता’ की स्थापना की है। इस विशेष दस्ते में दो इंस्पेक्टरों के नेतृत्व में दो एंटी-ईव-टीजिंग टीमें शामिल हैं, जिनमें कुल 22 कर्मचारी हैं। ये टीमें ईव-टीजिंग, छेड़छाड़ और उत्पीड़न जैसी घटनाओं को रोकने के लिए भीड़-भाड़ वाले इलाकों और अपराध-संभावित क्षेत्रों में सक्रिय गश्त कर रही हैं। इसका उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना है।

बाहरी जिला के डीसीपी सचिन शर्मा ने बताया कि शिष्टाचार दस्ता’ की खासियत इसकी रणनीति में छिपी है। सादे कपड़ों में महिला कर्मचारी उत्पीड़न करने वालों पर नजर रख रही हैं और उन्हें पकड़ रही हैं। इसके अलावा, बसों में अचानक जांच कर ड्राइवरों, कंडक्टरों और यात्रियों से जानकारी जुटाई जा रही है। दस्ता रोजाना कम से कम दो संवेदनशील स्थानों पर गश्त कर रहा है, जिससे सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा बढ़ सके। पुलिस ने मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन और रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के साथ हाथ मिलाया है। इन संगठनों के सहयोग से संवेदनशील इलाकों की पहचान की जा रही है और निवारक कदम उठाए जा रहे हैं। अब तक दस्ते ने मंगोलपुरी के सर्वोदय कन्या विद्यालय, सर्वोदय बाल विद्यालय और सुल्तानपुरी व मंगोलपुरी बस स्टैंड जैसे इलाकों में गश्त की है।

डीसीपी ने बताया कि इस पहल के तहत दस्ते ने मंगोलपुरी के सर्वोदय कन्या विद्यालय सर्वोदय बाल विद्यालय और सुल्तानपुरी व मंगोलपुरी बस स्टैंड जैसे स्थानों का दौरा किया। इन क्षेत्रों में गश्त और जागरूकता अभियान चलाकर महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है।

डीसीपी सचिन शर्मा ने कहा, “महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकना हमारी प्राथमिकता है। ‘शिष्टाचार दस्ता’ इस दिशा में एक ठोस कदम है, जो सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित और उत्पीड़न-मुक्त वातावरण सुनिश्चित करेगा। यह दस्ता न केवल अपराधों पर नकेल कसेगा, बल्कि सामुदायिक सहयोग से जागरूकता भी बढ़ाएगा।

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