ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले सात ठग गिरफ्तार, 29 लाख से अधिक की ठगी का खुलासा

फरीदाबाद: आज के तकनीकी युग में जहां टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल जीवन को आसान बना रहा है, वहीं इसका दुरुपयोग कर साइबर अपराधी लोगों को ठगी का शिकार भी बना रहे हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला फरीदाबाद में सामने आया है, जिसमें ट्रेडिंग के नाम पर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर एक व्यक्ति से लाखों रुपये ठग लिए गए। इस मामले में साइबर थाना एनआईटी की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि साइबर थाना सेंट्रल में पर्वतीय कॉलोनी के एक निवासी ने शिकायत दर्ज की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह फेसबुक पर सर्फिंग कर रहा था, तभी उसे एक ग्रुप मिला जो शेयर मार्केट ट्रेडिंग के लिए सलाह देता था। वह ग्रुप में शामिल हो गया और कुछ समय बाद ग्रुप के एडमिन ने उसे कॉल कर ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का लालच दिया। शिकायतकर्ता ने शुरुआत में 5,000 रुपये से ट्रेडिंग शुरू करने के लिए हां कर दी। इसके बाद एक लिंक के जरिए उसके लिए एक ट्रेडिंग ऐप पर अकाउंट खोला गया। विभिन्न ट्रांजेक्शनों के माध्यम से शिकायतकर्ता ने कुल 29,06,400 रुपये ट्रांसफर किए। ऐप में उसकी मूल राशि 1,56,57,053 रुपये और उस पर मुनाफा दिखाया जा रहा था। जब उसने पैसे निकालने की कोशिश की, तो ठगों ने लाभ का 20 प्रतिशत कमीशन मांगना शुरू कर दिया। बाद में शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गया है। इसके बाद उसने साइबर थाना एनआईटी में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया।

साइबर थाना एनआईटी की टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की। तकनीकी सहायता और सूचनाओं के आधार पर टीम ने सात आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। इनमें पांच आरोपी आकाश (किदवई नगर, कानपुर, यूपी), अंकित जायसवाल (बिरहाना रोड, कानपुर, यूपी), प्रदीप तिवारी (कीड़े नगर, यूपी), डोनाल्ड बेंजामिन (जार्जमऊ, कानपुर, यूपी), और साहिल गुप्ता (शिवकटरा, कानपुर, यूपी) को कानपुर से गिरफ्तार किया गया। वहीं, दो अन्य आरोपी प्रताप सिंह और मनमीत (निलौटी निहाज़ विहार, दिल्ली) को दिल्ली से पकड़ा गया। सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। आरोपी आकाश खाताधारक है और ठगी के पैसे उसके खाते में ट्रांसफर किए गए थे। आकाश, अंकित और प्रदीप की कानपुर में मेडिकल मार्केट में अलग-अलग जनरल स्टोर हैं। डोनाल्ड बेंजामिन बैंक से लोन दिलाने का काम करता है, जबकि साहिल गुप्ता की कानपुर में कॉस्मेटिक की दुकान है। साहिल और डोनाल्ड की दिल्ली के प्रताप सिंह और मनमीत से जान-पहचान थी।

अंकित और प्रदीप ने साहिल के कहने पर आकाश का बैंक खाता उपलब्ध कराया। इसके बाद डोनाल्ड, आकाश को लेकर दिल्ली में प्रताप सिंह के पास गया, जहां प्रताप ने दोनों के रहने की व्यवस्था की और आकाश को मनमीत से मिलवाया। मनमीत ने आकाश को खाते सहित आगे के ठगों तक पहुंचाने का इंतजाम किया। ठगों ने आकाश के खाते में ठगी के 16,50,000 रुपये डलवाए। इस तरह यह पूरा नेटवर्क संगठित तरीके से काम कर रहा था।

आरोपियों ने शिकायतकर्ता को फेसबुक ग्रुप के जरिए अपने जाल में फंसाया। ट्रेडिंग ऐप पर फर्जी मुनाफा दिखाकर उसे और पैसे निवेश करने के लिए उकसाया गया। जब शिकायतकर्ता ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो कमीशन के बहाने उसे और उलझाया गया। यह एक सुनियोजित साइबर ठगी का मामला है, जिसमें तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित किया जाता है।

पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश कर रही है। यह भी जांच की जा रही है कि इस ठगी के पैसे कहां-कहां ट्रांसफर किए गए और कितने लोग इस गिरोह का शिकार बने। रिमांड के दौरान आरोपियों से और जानकारी जुटाई जाएगी।

पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर मिलने वाली ऐसी लुभावनी स्कीमों से सावधान रहें। किसी भी ट्रेडिंग या निवेश से पहले उसकी सत्यता की जांच करें और अज्ञात लोगों पर भरोसा न करें। साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More