अगर बालासाहेब ठाकरे जीवित होते तो भी यही बोलते? वक्फ बिल को लेकर उद्धव गुट पर शिंदे गुट का वार

राष्ट्रीय जजमेंट

वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा शिवसेना और मेरे नेता एकनाथ शिंदे की ओर से, मैं इस विधेयक का पूरी तरह से समर्थन करता हूं। यह एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने कहा कि पहले अनुच्छेद 370, फिर ट्रिपल तलाक और सीएए, और अब यह विधेयक गरीबों के कल्याण के लिए इस सदन में लाया गया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक तुष्टीकरण के लिए नहीं, बल्कि उत्थान के लिए है। यह राष्ट्र के लिए है, किसी धर्म विशेष के पक्ष या विपक्ष में नहीं है।इसके साथ ही उन्होंने उद्धव गुट पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मैं यूबीटी के अरविंद सावंत का भाषण सुनकर बहुत दुखी हुआ। यह बहुत ही चौंकाने वाला था। मैं यूबीटी से एक सवाल पूछना चाहता हूं, उन्हें अपनी अंतरात्मा से पूछना चाहिए कि क्या वे आज बालासाहेब (ठाकरे) जीवित होते तो भी यही बोलते। आज यह स्पष्ट है कि यूबीटी आज किसकी विचारधारा अपना रहा है और इस विधेयक का विरोध कर रहा है। उनके पास अपनी गलतियों को सुधारने, अपने इतिहास को फिर से लिखने और अपनी विचारधारा को जीवित रखने का सुनहरा अवसर था। लेकिन यूबीटी ने पहले ही उनकी विचारधारा को कुचल दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर बालासाहेब आज यहां होते और यूबीटी का असहमति नोट पढ़ते, तो उन्हें बहुत दुख होता। शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि मैं यहां वक्फ संशोधन विधेयक पर अपने विचार रखने आया हूं। मैं भी जेपीसी का सदस्य था। दुर्भाग्य से अंत तक जेपीसी में खंड-दर-खंड चर्चा नहीं हुई। गैर-हितधारकों को भी जेपीसी में बुलाया गया। हमने हमेशा महसूस किया है कि आपकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है। आप इस विधेयक के जरिए किसी के साथ न्याय नहीं करना चाहते। आपको नहीं लगता कि आप जो कर रहे हैं वह सही है। मुझे लगता है कि अब आपको सिर्फ बिहार चुनाव ही नजर आ रहे हैं।

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