दिल्ली में ई-रिक्शा के अनियंत्रित विस्तार पर सांसद स्वाती मालीवाल ने जताई चिंता

नई दिल्ली : दिल्ली में ई-रिक्शा की बेतहाशा बढ़ती संख्या और उससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं को लेकर सांसद स्वाती मालीवाल ने संसद में गंभीर चिंता जताई है। मंगलवार को एक विशेष उल्लेख के दौरान उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा के अनियंत्रित विस्तार से यातायात जाम, सुरक्षा जोखिम और जवाबदेही की कमी जैसी समस्याएँ पैदा हो रही हैं। सांसद ने इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की माँग करते हुए सरकार से नियमन के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।

मालीवाल ने बताया कि जहाँ बसों, ऑटो और टैक्सियों पर सख्त नियम लागू हैं, वहीं ई-रिक्शा बिना किसी प्रभावी नियंत्रण के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इससे दिल्ली की सड़कों पर अराजकता बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “ई-रिक्शा की संख्या पर कोई सीमा नहीं है। मेट्रो स्टेशनों, बाजारों और प्रमुख सड़कों पर इनकी भीड़ बढ़ती जा रही है, लेकिन इनके पंजीकरण का कोई सटीक डेटा नहीं है। अधिकांश चालकों के पास न लाइसेंस है, न ही औपचारिक प्रशिक्षण।”

हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए सांसद ने बताया कि एक 10 साल की बच्ची तेज रफ्तार ई-रिक्शा की चपेट में आकर मारी गई, जबकि एक 7 साल का बच्चा अवैध चार्जिंग स्टेशन पर करंट लगने से मृत्यु का शिकार हुआ। उन्होंने कहा कि ये हादसे नियमन और जवाबदेही की कमी को उजागर करते हैं। इसके अलावा, ई-रिक्शा में ओवरलोडिंग, सुरक्षा मानकों का अभाव और लापरवाह ड्राइविंग दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बन रहे हैं। अवैध चार्जिंग स्टेशनों से आग और बिजली चोरी का खतरा भी बढ़ रहा है।

सांसद ने सरकार से ई-रिक्शा की संख्या सीमित करने, अनिवार्य पंजीकरण और लाइसेंसिंग लागू करने, निर्धारित रूट तय करने, यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराने और अवैध चार्जिंग प्वाइंट्स पर रोक लगाने जैसे कदमों का प्रस्ताव रखा। उन्होंने जोर देकर कहा कि दिल्ली की शहरी गतिशीलता को सुरक्षित रखने के लिए यह जरूरी है, वरना यह एक बड़ा संकट बन सकता है।

अंत में मालीवाल ने स्पष्ट किया, “मैं यह नहीं कह रही कि सभी ई-रिक्शा चालक गलत हैं। लेकिन ऑटो और टैक्सी पर सख्ती है, जबकि ई-रिक्शा बिना जिम्मेदारी के चल रहे हैं। कड़े नियमों से अवैध ड्राइविंग और यातायात उल्लंघन पर रोक लगेगी।” अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की माँग करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि बिना नियमन के ई-रिक्शा दिल्ली की सड़कों के लिए खतरा बन सकते हैं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More