दिल्ली मेट्रो ने किया 12 वर्षों का अनुबंध, चेन्नई मेट्रो के तीन कॉरिडोर के संचालन और रखरखाव के लिए तैयार

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की है। डीएमआरसी को चेन्नई मेट्रो के चरण-II के तीन प्रमुख कॉरिडोर के संचालन और रखरखाव के लिए 12 वर्षों की अवधि के लिए अनुबंध सौंपा गया है। यह निर्णय चेन्नई की शहरी परिवहन प्रणाली को और अधिक कुशल और आधुनिक बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

अनुबंध के तहत, डीएमआरसी 116.1 किलोमीटर की लंबाई और 112 स्टेशनों वाले तीन कॉरिडोर—कॉरिडोर-3 (माधवरम मिल्क कॉलोनी से सिरुसेरी सिपकोट-II, इंडिगो लाइन), कॉरिडोर-4 (लाइटहाउस से पूनमल्ली बाईपास, ऑरेंज लाइन), और कॉरिडोर-5 (माधवरम मिल्क कॉलोनी से शोलिंगनल्लूर, रेड लाइन)—के दैनिक संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी। इसमें ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी), डिपो कंट्रोल सेंटर, स्टेशनों, ट्रेनों के संचालन, उनके रखरखाव, और छह डबल डेकर स्टेशनों सहित सम्पूर्ण मेट्रो बुनियादी ढांचे का प्रबंधन शामिल है।

सीएमआरएल के मुख्यालय में आयोजित “किक-ऑफ मीटिंग” के दौरान हुई। इस बैठक में डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार, निदेशक डॉ. अमित कुमार जैन, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड के अनुसार, चरण-II का पहला खंड दिसंबर 2025 तक चालू होने की उम्मीद है, जबकि पूरा चरण-II दिसंबर 2028 तक चरणबद्ध तरीके से परिचालन में आ जाएगा। यह परियोजना चेन्नई के यातायात को सुगम बनाने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि डीएमआरसी की विशेषज्ञता को देखते हुए यह अनुबंध दिया गया है। डीएमआरसी पहले से ही मुंबई मेट्रो लाइन 3 (33.5 किलोमीटर, 27 स्टेशन) के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रही है, जिसका पहला खंड (आरे से बीकेसी, 12.4 किलोमीटर) हाल ही में 5 अक्टूबर, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया था। इस साझेदारी से न केवल चेन्नई के नागरिकों को लाभ होगा, बल्कि यह डीएमआरसी की तकनीकी और प्रबंधकीय क्षमताओं को और मजबूत करेगा।

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