दिल्ली पुलिस ने एलजी की मौजूदगी में नष्ट की 2,622 करोड़ रुपये की ड्रग्स, 2027 तक नशा मुक्त दिल्ली का संकल्प

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने नशीले पदार्थों के खिलाफ अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति को मजबूत करते हुए “मेगा ड्रग विनाश कार्यक्रम” का छठा चरण आयोजित किया। इस कार्यक्रम में 1,643.074 किलोग्राम नशीले पदार्थ नष्ट किए गए, जिनका अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य लगभग 2,622 करोड़ रुपये आंका गया है। यह आयोजन बायोटिक वेस्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, जीटी करनाल रोड पर गुरुवार शाम 4 बजे शुरू हुआ, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा मौजूद रहे।

विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि “2027 तक नशा मुक्त दिल्ली” के मिशन के तहत यह पहल दिल्ली को ड्रग्स के खतरे से मुक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आज नष्ट किए गए नशीले पदार्थों में 529.456 किलोग्राम गांजा, 27.347 किलोग्राम चरस, 11.580 किलोग्राम हेरोइन, 517.875 किलोग्राम कोकेन, और अन्य मादक पदार्थ शामिल हैं। ये ड्रग्स पिछले 20 वर्षों (2004-2024) में क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल और विभिन्न जिलों द्वारा जब्त किए गए थे।

दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2024 में नारकोटिक्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस अधिनियम के तहत 1,789 मामले दर्ज किए, जिसके परिणामस्वरूप 2,290 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया। वित्तीय जांच के तहत 24 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई, जबकि 5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त संपत्ति जब्ती अंतिम चरण में है।

देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले दो वर्षों में “नशा मुक्त भारत अभियान” के तहत दिल्ली पुलिस ने 41,995.192 किलोग्राम नशीले पदार्थ नष्ट किए, जिनकी कुल कीमत 5,997.75 करोड़ रुपये है। इसमें 2022 में 2,888 किलोग्राम, 2023 में 15,700 किलोग्राम, और 2024 में 21,232.192 किलोग्राम ड्रग्स शामिल हैं। इस साल जनवरी में भी 1,575 किलोग्राम ड्रग्स नष्ट किए गए थे।

कार्यक्रम में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली पुलिस की सराहना करते हुए कहा, “नशीले पदार्थों के खिलाफ यह अभियान दिल्ली को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है। मैं सभी हितधारकों से अपील करता हूँ कि 2027 तक नशा मुक्त दिल्ली के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एकजुट हों।”

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