मजदूरों को अगवा कर जबरदस्ती खाते खुलवाने के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

फरीदाबाद : फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ऊंचा गांव की टीम ने तीन मजदूरों को अगवा कर उनके खाते जबरदस्ती खुलवाने और पैसों की अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान 30 वर्षीय शाहिद और जावेद खान के रूप में हुई है, जो गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।

पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि यह मामला 2 अप्रैल एक मजदूर ने थाना शहर बल्लभगढ़ में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि वह और उसके दो दोस्त सुबह करीब 9 बजे बल्लभगढ़ के लेबर चौक)पर मजदूरी की तलाश में खड़े थे। तभी दो युवक एक स्विफ्ट गाड़ी में आए और उन्हें कंपनी में काम दिलाने का झांसा देकर गाड़ी में बिठा लिया। आरोपियों ने मजदूरों से कहा कि काम के लिए आईडी की जरूरत है और फिर संदीप के किराए के मकान पर जाकर उनके आधार कार्ड ले लिए। इसके बाद मजदूरों को गाड़ी में बैठाकर फरीदाबाद से बाहर ले जाया गया। विरोध करने पर आरोपियों ने चाकू दिखाकर उन्हें धमकाया और नूंह के रिंगड गांव के खेतों में ले गए, जहां 8-10 अन्य लोग पहले से मौजूद थे। खेतों में मजदूरों को बंधक बनाकर रखा गया और उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हुए एक प्राइवेट बैंक में ऑनलाइन खाते खुलवाए गए। आरोपियों ने खातों से पैसे भी निकाले। इसके बाद मजदूरों को फरीदाबाद छोड़ दिया गया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

क्राइम ब्रांच ऊंचा गांव की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर शाहिद और जावेद को पाली चौक, फरीदाबाद से दबोचा। पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों चाचा-भतीजे हैं। शाहिद स्नातक पास है और टैक्सी ड्राइवर है, जबकि जावेद बेरोजगार है। वारदात में इस्तेमाल हुई स्विफ्ट गाड़ी शाहिद के मौसा की बताई जा रही है, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।

पुलिस को जानकारी मिली है कि शाहिद मेवात के एक संगठित गिरोह से जुड़ा हुआ है, जो लोगों के खाते खुलवाकर उनके दस्तावेज अपने पास रखता है और बाद में इन खातों में अवैध धन ट्रांसफर करता है। गिरोह ने शाहिद को प्रत्येक खाते के लिए 10,000 रुपये का लालच दिया था, जिसके लिए उसने जावेद के साथ मिलकर यह अपराध अंजाम दिया। आरोपी शाहिद को पुलिस रिमांड पर लिया गया है, जबकि जावेद को जेल भेज दिया गया है। अन्य संदिग्धों और गिरोह के सदस्यों तक पहुंचने के लिए जांच जारी है।

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