शेयर मार्केट ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को ठगने वाले दो गिरफ्तार, फिलीपींस और चीन तक फैले थे तार

नई दिल्ली: दिल्ली के उत्तरी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन ने शेयर मार्केट ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को ठगने और फर्जी बैंक खातों के जरिए धोखाधड़ी करने वाले एक साइबर अपराधी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में राजस्थान के कोटा और जयपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान 31 वर्षीय अबरार अहमद और 30 वर्षीय राहुल मिश्रा के रूप में हुई हैं। पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड और चेकबुक सहित कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए हैं।

उत्तरी जिला के डीसीपी राजा बंठिया ने बताया कि सिविल लाइन्स निवासी 45 वर्षीय शिक्षिका ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि इंस्टाग्राम पर एक विज्ञापन देखकर वह ठगी का शिकार हुईं। विज्ञापन में शेयर निवेश से मोटे मुनाफे का लालच दिया गया था। इसके बाद व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए उनसे संपर्क किया गया और धीरे-धीरे 12.50 लाख रुपये ठग लिए गए। शुरुआत में छोटी राशि पर दोगुना लाभ दिखाकर उनका भरोसा जीता गया, फिर बड़ी रकम निवेश करने का दबाव डाला गया। जब शिक्षिका ने पैसा वापस मांगा, तो बहाने बनाकर उन्हें टाला गया।

शिकायत मिलने पर साइबर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और बीती 21 मार्च को एफआईआर दर्ज की। इंस्पेक्टर रमन प्रताप सिंह और एसीपी अनिल यादव के नेतृत्व में गठित टीम ने तकनीकी विश्लेषण और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर अपराधियों के ठिकानों का पता लगाया। जांच में पता चला कि यह एक बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का हिस्सा है, जिसमें 62 अन्य समान शिकायतें भी सामने आईं।

पुलिस ने 23 मार्च को कोटा के बोरखेड़ा इलाके में छापा मारकर पहला आरोपी अबरार अहमद को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर 30 मार्च को जयपुर के जगतपुरा में दूसरा आरोपी राहुल मिश्रा पकड़ा गया। जांच में खुलासा हुआ कि अबरार ने अपनी फर्म एबी फार्मा के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोले और इन्हें राहुल मिश्रा को कमीशन के बदले सौंपा। राहुल ने इन खातों को फिलीपींस और चीन में बैठे अपने सहयोगियों को उपलब्ध कराया, जो इस अंतरराष्ट्रीय ठगी रैकेट को चला रहे थे।

पुलिस ने एक्सिस बैंक के एक खाते को फ्रीज किया, जिसमें 50 हजार रुपये बचे हैं। इस खाते में 3 फरवरी से 10 मार्च 2025 तक करीब 6.76 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। आरोपियों के पास से 4 लैपटॉप, 4 मोबाइल फोन, 20 डेबिट कार्ड, 6 चेकबुक और अन्य सामान बरामद हुए हैं। मोबाइल डेटा से पता चला कि राहुल मिश्रा इस रैकेट का प्रमुख साजिशकर्ता था और उसने 50-60 फर्जी खाते सप्लाई किए थे। मामले की जांच जारी है और बाकी बचे सह-आरोपियों की तलाश की जा रही है।

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