विहिप ने वक्फ अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़काने की साजिश का लगाया आरोप, मुस्लिम बुद्धिजीवियों को चेताय

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद ने वक्फ बोर्ड अधिनियम के विरोध में कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों और कट्टरपंथी नेताओं पर हिंसा व उपद्रव के लिए उकसाने का गंभीर आरोप लगाया है। विहिप के अखिल भारतीय प्रचार प्रसार प्रमुख विजय शंकर तिवारी ने मंगलवार को कहा कि हाल ही में मुस्लिम सांसदों को लिखा गया एक पत्र देश में अशांति फैलाने और ‘मुस्लिम इंडिया’ बनाने के खतरनाक मंसूबों को उजागर करता है।

तिवारी ने पत्र को संविधान और संसदीय व्यवस्था का उल्लंघन बताते हुए कहा कि इसमें मुस्लिम समाज को ‘सामूहिक आवाज बुलंद’ करने, संसद के अंदर-बाहर प्रदर्शन करने और बहिष्कार करने के लिए उकसाया गया है। पत्र में ‘मुसलमानों के गरिमापूर्ण अस्तित्व’ के लिए संघर्ष और मीडिया का ध्यान आकर्षित करने की रणनीति की बात कही गई है। विहिप ने इसे मिथ्या प्रचार और देश विरोधी गतिविधियों का हिस्सा करार दिया।

उन्होंने चेतावनी दी कि इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में न सिर्फ कट्टरपंथी नेता, बल्कि सांसद, विधायक, आईएएस, आईपीएस अधिकारी, वक्फ बोर्ड के सदस्य, वरिष्ठ अधिवक्ता और पत्रकार भी शामिल हैं। तिवारी ने कहा, “इनके लिए देश से बड़ा मजहब है। ये लोग हिंसा और उपद्रव को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसकी जिम्मेदारी इन्हें लेनी होगी।”

विहिप ने यह भी दावा किया कि वक्फ बोर्ड के अवैध कब्जे से परेशान ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय नए कानून से खुश हैं, लेकिन कुछ कट्टरपंथी इसे मुस्लिम समाज के खिलाफ बता कर भड़का रहे हैं। संगठन ने केंद्र सरकार और न्यायपालिका से इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग की है। तिवारी ने जोर देकर कहा, “संविधान सर्वोपरि है। मजहब के नाम पर देश के टुकड़े करने का सपना कभी पूरा नहीं होगा।”

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