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आस्था का केंद्र…’ पीएम मोदी ने विज्ञान भवन में नवकार महामंत्र दिवस में भाग लिया, 108 देशों के लोग शामिल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को नवकार महामंत्र दिवस में भाग लिया और नवकार महामंत्र के गहन आध्यात्मिक प्रभाव पर विचार किया। उन्होंने इसे एक मार्गदर्शक शक्ति बताया जो व्यक्ति को समाज से जोड़ती है। उन्होंने इसे ‘आस्था का केंद्र’ बताया। विज्ञान भवन में सामूहिक जप सत्र के बाद अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं अभी भी अपने भीतर नवकार महामंत्र की आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव कर रहा हूं। कुछ साल पहले, मैंने बेंगलुरु में इसी तरह का सामूहिक जप देखा था और आज मुझे उतनी ही गहराई के साथ वही अनुभूति हुई।”प्रधानमंत्री मोदी ने ‘नवकार महामंत्र दिवस’ पर 108 देशों के लोगों को संबोधित कियाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से महावीर जयंती के शुभ अवसर से एक दिन पहले बुधवार, 9 अप्रैल को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ‘नवकार महामंत्र दिवस’ में भाग लेने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जैन धर्म के सबसे प्रतिष्ठित मंत्रों में से एक के सामूहिक जाप के माध्यम से आध्यात्मिक एकता और नैतिक जागरूकता को बढ़ावा देना है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा, “महावीर जयंती के शुभ अवसर से एक दिन पहले, 9 अप्रैल को सुबह 8 बजे, मैं एक बहुत ही अनोखे कार्यक्रम में भाग लूंगा, जिसकी वैश्विक छाप अलग होगी – नवकार महामंत्र दिवस, जो दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा।कार्यक्रम में 108 से अधिक देशों के लोग शामिलइस कार्यक्रम में 108 से अधिक देशों के लोग शामिल होंगे, जिसमें शांति, एकता और आध्यात्मिक जागृति के लिए वैश्विक जाप होगा।” नवकार महामंत्र के सार पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पवित्र मंत्र जैन धर्म के मूल मूल्यों को दर्शाता है, जिसमें आध्यात्मिकता, विनम्रता, अहिंसा और भाईचारा शामिल है। “यह शांत और आंतरिक शांति का साधन है। नवकार महामंत्र सभी विभाजनों से ऊपर उठता है और इसमें एकजुट करने की एक मजबूत क्षमता है,” उन्होंने कहा। “मैं अगले दिन कार्यक्रम का इंतजार कर रहा हूं और मैं आप सभी से इसमें भाग लेने, जप करने और उन बंधनों का जश्न मनाने का आग्रह करता हूं जो हमें एकजुट करते हैं!” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “नवकार महामंत्र सिर्फ एक मंत्र नहीं है। यह हमारी आस्था का केंद्र है… और इसका महत्व सिर्फ आध्यात्मिक नहीं है। यह स्वयं से लेकर समाज तक सभी को राह दिखाता है…”नवकार महामंत्र की आध्यात्मिक शक्तिपीएम मोदी ने कहा “मैं आज भी अपने भीतर नवकार महामंत्र की आध्यात्मिक शक्ति को महसूस कर सकता हूं। कुछ साल पहले, मैंने बेंगलुरु में इसी तरह का सामूहिक जाप कार्यक्रम देखा था, और आज मुझे एक बार फिर वही एहसास हुआ… मेरा जन्म गुजरात में हुआ, एक ऐसी भूमि जहां हर गली में जैन धर्म का प्रभाव दिखाई देता है। बचपन में भी मुझे जैन आचार्यों के सान्निध्य में रहने का अवसर मिला। नवकार महामंत्र सिर्फ एक मंत्र नहीं है, यह हमारी आस्था का केंद्र है।” पीएम मोदी ने कहा “जब हम नवकार महामंत्र का जाप करते हैं, तो हम 108 दिव्य गुणों को नमन करते हैं। हम मानवता को ही याद करते हैं। यह मंत्र हमें याद दिलाता है कि ध्यान और क्रिया हमारे जीवन का मार्गदर्शन करते हैं, गुरु प्रकाश है, और सही मार्ग वह है जो हमारी आत्मा से निकलता है। नवकार महामंत्र हमें खुद पर विश्वास करना, अपनी यात्रा शुरू करना सिखाता है, और मंत्र हमें यह भी बताता है कि दुश्मन कहीं और नहीं है – यह हमारे भीतर ही है।”नवकार महामंत्र दिवस क्या है?नवकार महामंत्र दिवस सद्भाव, करुणा और आत्म-जागरूकता का जश्न मनाने के लिए एक आध्यात्मिक सभा के रूप में मनाया जाता है। यह मंत्र प्रबुद्ध प्राणियों को श्रद्धांजलि देता है और आत्म-शुद्धि, अहिंसा और सामूहिक कल्याण जैसे मूल्यों पर चिंतन को प्रोत्साहित करता है। जैन दर्शन की शिक्षाओं में निहित, इसका उद्देश्य विभिन्न समुदायों में एकता को बढ़ावा देना है।यह आयोजन महावीर जयंती से पहले होता है, जो इस साल 10 अप्रैल को है। यह त्यौहार जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती का प्रतीक है, जिनका जन्म 615 ईसा पूर्व एक राजसी परिवार में हुआ था और उनका नाम वर्धमान था। 30 वर्ष की आयु में, उन्होंने सत्य और आध्यात्मिक मुक्ति की खोज में सांसारिक जीवन का त्याग कर दिया, ‘केवल ज्ञान’ या पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने से पहले कई वर्षों तक तपस्या और ध्यान किया। भगवान महावीर की शिक्षाओं ने जैन धर्म की नींव रखी और दुनिया भर में अनुयायियों के बीच गूंजती रही। महावीर जयंती दुनिया भर में जैन समुदाय द्वारा भक्ति और उत्साह के साथ मनाई जाती है। अहिंसा परमो धर्म का उनका मूल संदेश – अहिंसा धर्म का सर्वोच्च रूप है – आज की दुनिया में भी गहराई से प्रासंगिक है, जो शांति, सहिष्णुता और करुणा को बढ़ावा देता है।

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बदलते वैश्विक परिदृश्य में प्रवासी भारतीय समुदाय की भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है: राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में प्रवासी भारतीय समुदाय की भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने पुर्तगाल में भारतीय समुदाय को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने तथा उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।पुर्तगाल की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के अंत में यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि दशक के अंत तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।उन्होंने कहा कि दुनिया भर में संबंधों को प्रगाढ़ करने में प्रवासी भारतीय समुदाय की भूमिका ‘‘और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि हम अधिक जिम्मेदारियां लेते हैं तथा वैश्विक समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करते हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार अपने प्रवासियों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने तथा उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ उन्होंने कहा कि पुर्तगाल में अपने संक्षिप्त लेकिन अत्यंत सार्थक प्रवास के दौरान उन्होंने भारत और पुर्तगाल के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंधों को महसूस किया, जिसे भारतीय कला, संस्कृति और भोजन, योग और आयुर्वेद की लोकप्रियता में देखा जा सकता है।पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा द्वारा सोमवार शाम ‘अजुदा’ पैलेस में उनके सम्मान में आयोजित राजकीय भोज के दौरान मुर्मू ने कहा कि भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को बढ़ावा देने में पुर्तगाल की महत्वपूर्ण भूमिका की भारत सराहना करता है।मुर्मू ने कहा, ‘‘आज सुबह हमारी बातचीत में महामहिम राष्ट्रपति और मैं इस बात पर सहमत हुए कि हमारे संबंध बहुआयामी साझेदारी में बदल गए हैं, जो उच्च-स्तरीय यात्राओं और बढ़ते वाणिज्यिक संबंधों से मजबूत हुए हैं। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, व्यापार में निरंतर वृद्धि देखना उत्साहजनक है।’’इससे पहले, राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने व्यापक बातचीत की तथा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की। राष्ट्रपति भवन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वे (दोनों नेता) इस बात पर सहमत हुए कि व्यापार और वाणिज्य, रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग के लिए अधिक अवसर हैं।’’ उन्होंने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको के साथ भी बातचीत की और विभिन्न द्विपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।

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अकाल तख्त ने पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार को तलब किया

अकाल तख्त ने पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार कोतख्त के पांचों जत्थेदारों के समक्ष पेश होने का मंगलवार को निर्देश दिया। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गडगज ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान ने कहा कि पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह को अकाल तख्त के पांचों जत्थेदारों के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ धार्मिक कदाचार की गंभीर शिकायतें मिली हैं। ज्ञानी कुलदीप सिंह गडगज ने यह भी कहा कि जब तक वह अकाल तख्त आकर स्पष्टीकरण नहीं देते, वह किसी भी धार्मिक समागम या धार्मिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।

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स्टालिन ने कार्ति को फोन कर कांग्रेस नेता चिदंबरम के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को फोन कर उनके पिता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली तथा उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिदंबरम के अहमदाबाद स्थित एक अस्पताल में भर्ती होने की खबर मिलने पर स्टालिन ने उनके बेटे कार्ति चिदंबरम से फोन पर बात की तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।कार्ति ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, अहमदाबाद में भीषण गर्मी और निर्जलीकरण की वजह से मेरे पिता को प्रीसिंकोप की समस्या हुई थी और उन्हें ज़ाइडस अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।

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ग्रेटर नोएडा की सोसाइटी में संदिग्ध जल प्रदूषण के कारण 200 से अधिक लोग बीमार पड़े

ग्रेटर नोएडा में एक आवासीय सोसाइटी के निवासियों ने परिसर में संदिग्ध जल प्रदूषण के कारण उल्टी और पेट दर्द की शिकायत की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पिछले चार-पांच दिनों में अजनारा होम्स में पेयजल के दूषित होने के कारण 200 से अधिक लोग बीमार पड़ गए।नोएडा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेन्द्र कुमार ने पीटीआई- को बताया, अधिकारियों ने सोसाइटी से पानी के नमूने एकत्र किए हैं। बुधवार को सोसाइटी में उन लोगों के लिये एक चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाएगा, जिन्होंने उल्टी और पेट दर्द की शिकायत की है।सोसाइटी के निवासी दिनकर पांडेय ने कहा, हम पिछले चार-पांच दिनों से इस समस्या का सामना कर रहे हैं। सोसाइटी के 200 से अधिक निवासी पीड़ित हैं। यह संख्या बढ़कर 400-500 तक हो सकती है। हमें लगता कि निवासियों के बीमार पड़ने का कारण पानी का दूषित होना है।

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नया कानून सुनिश्चित करेगा वक्फ की जमीन का इस्तेमाल लोगों के विकास के लिए हो : सिंधिया

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि नया वक्फ कानून संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा और वक्फ भूमि का उपयोग लोगों के विकास के लिए सुनिश्चित करेगा।संसद के दोनों सदनों में लंबी बहस के बाद बृहस्पतिवार को लोकसभा ने और शुक्रवार को राज्यसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को विधेयक को अपनी सहमति दे दी।अधिनियम का उद्देश्य विरासत स्थलों की सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के प्रावधानों के साथ वक्फ संपत्तियों (धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए मुसलमानों द्वारा स्थायी रूप से दान की गई संपत्ति) के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है।यह संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ाने, वक्फ बोर्डों और स्थानीय प्राधिकरणों के बीच समन्वय को सुव्यवस्थित करने और हितधारकों के अधिकारों की रक्षा करके शासन में सुधार करने का भी प्रयास करता है।अपने संसदीय क्षेत्र गुना पहुंचने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सिंधिया ने कहा, ‘‘विपक्ष की सोच और विचारधारा वक्फ (बोर्ड) के मामलों को एकाधिकार से चलाने और चीजों (संपत्तियों) का दुरुपयोग करने की है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) और सरकार ने उन्हें बेनकाब कर दिया है। अब वक्फ की जमीन का इस्तेमाल लोगों के विकास के लिए किया जाएगा और यही मुस्लिम समुदाय सहित पूरे समाज की विचारधारा है।’’उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ विधेयक ने उन लोगों के एकाधिकार को भी समाप्त कर दिया है जिनके निहित स्वार्थ हैं और जो मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए भी संपत्तियों का उपयोग नहीं करना चाहते हैं। अब इसका इस्तेमाल पूरी आजादी के साथ समुदाय के विकास और लोगों के कल्याण के लिए किया जाएगा।’’गुजरात में जारी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के सत्र के बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा, ‘‘कांग्रेस केवल अपने सत्र के बारे में बात करेगी, लेकिन चुनावी रणनीति और माहौल लोगों द्वारा बनाया जाता है। हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री अपने काम के आधार पर यह माहौल बनाते हैं। हालांकि, लोकतंत्र में हर पार्टी को अपना सत्र आयोजित करने का अधिकार है।’’इससे पहले, सिंधिया ग्वालियर शहर में मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के साथ वीडियो लिंक के माध्यम से एक रेलवे ओवरब्रिज और दो छात्रावासों के उद्घाटन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि 1300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ग्वालियर में ‘वेस्टर्न बाईपास’ की स्वीकृति से इसके विकास को और गति मिलेगी।

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