राष्ट्रीय जजमेंट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो देश की राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है। देश में नफरत और गुंडागर्दी करने वालों को ये वीडियो बिल्कुल भी नहीं भाएगा। दरअसल, पीएम मोदी मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बात कर रहे थे। इन्हीं लाभार्थियों में एक आंध्र प्रदेश से आई महिला भी थी। वो सिर्फ तेलगू जानती थी। लेकिन पीएम मोदी को ये भी बताना था कि मुद्रा योजना का क्या फायदा मिला है। ऐसे में माइक पकड़ते ही महिला ने तेलगू में कहा कि मुझे हिंदी नहीं आती। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं। आप अपनी बात तेलगू में ही बताइए। फिर महिला तेलगू में ही बोलती रही और पीएम मोदी सुनते रहे। लेकिन हैरानी की बात देखिए कि पीएम मोदी ने कुछ कुछ शब्दों को पकड़कर पूरी बात समझ ली। पीएम मोदी ने महिला की बात समझकर अंग्रेजी में सवाल भी पूछ लिया। अपनी कहानी बताते हुए उन्होंने कहा कि मेरी शादी 2009 में हुई और 2019 तक मैं गृहिणी थी। मैंने केनरा बैंक के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में जूट के बैग बनाने पर 13 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। इसके बाद बैंक ने मुझे बिना किसी जमानत के 2 लाख रुपये का मुद्रा ऋण प्रदान किया। इससे मैंने नवंबर 2019 में अपना व्यवसाय शुरू किया। मेरे पुनर्भुगतान रिकॉर्ड को देखते हुए, बैंक ने बाद में 2022 में 9.5 लाख रुपये का एक और ऋण स्वीकृत किया। पीएम मोदी ने बीच में महिला को टोकते हुए कहा कि मतलब 2 लाख से शुरू किया 9.5 लाख रुपये तक पहुंच गए। महिला ने हां में जवाब दिया। फिर पीएम मोदी ने पूछा कि कितने लोग आपके साथ व्यवसाय में जुड़े हैं। इस पर महिला ने कहा कि आज, मैं लगभग 15 महिलाओं को रोजगार देती हूँ, जिनमें से सभी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित गृहिणी हैं। एक बार, मैं वहाँ प्रशिक्षु थी, और अब, मैं कई महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हूँ। मैं इस अवसर के लिए बहुत आभारी हूँ। प्रधानमंत्री ने उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें बधाई दी और अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने में उनके प्रयासों की सराहना की।ये वीडियो भाषा के नाम पर नफरत की राजनीति करने वालों को एक तमाचा है। ये वीडियो तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र में उन लोगों को भी जबरदस्त तमाचा है जो कुछ लोगों को सिर्फ इसलिए पीट देते हैं कि वो हिंदी में बात करते हैं। हाल फिलहाल में आपने सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो देखें होंगे। जहां साइन बोर्ड पर लिखी हिंदी पर कालिख पोत दी गई। हिंदी बोलने वालों को सरेआम पीट दिया गया। कर्नाटक और तमिलनाडु से तो कई बार ऐसे वीडियो सामने आए हैं जब कैब या ऑटो ड्राइवर पैसेंजर को सिर्फ इसलिए धमका या पीट देता है क्योंकि पैसेंजर ने हिंदी में बात की थी। महाराष्ट्र में भी एमएनएस के लोगों ने एक बार फिर हिंदी बोलने वालों को पीटना शुरू कर दिया है।
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