“सिमांग कुम्हेई 2025” – पूर्वोत्तर की संस्कृति और विविधता का भव्य उत्सव

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय की ज़ाकिर हुसैन कॉलेज के पूर्वोत्तर छात्र परामर्श एवं कल्याण प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव “सिमांग कुम्हेई 2025” का भव्य आयोजन 8 अप्रैल, 2025 को कॉलेज के सलमान ग़नी हाशमी ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक एकता और छात्र सशक्तिकरण का एक सशक्त प्रतीक साबित हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू उपस्थित रहे। दीप प्रज्वलन के साथ शुभारंभ के बाद, प्रकोष्ठ की गतिविधियों पर आधारित एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी गई, जिसने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। रिजिजू ने कहा, “पूर्वोत्तर भारत केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं है, बल्कि विविधता, सह-अस्तित्व और सांस्कृतिक सौहार्द का जीवंत उदाहरण है। इस क्षेत्र की विशिष्टता इसकी भाषाई, धार्मिक और पारंपरिक विविधताओं में निहित है, जो देश की सांस्कृतिक समग्रता को समृद्ध बनाती है।”

मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि पूर्वोत्तर से बाहर अध्ययनरत छात्रों को कभी-कभी जानकारी के अभाव में कुछ पूर्वाग्रहों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, उन्होंने आश्वस्त किया कि खेल, सिविल सेवा, सिनेमा जैसे क्षेत्रों में पूर्वोत्तर की दृश्यता और भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बेहतर परिवहन सुविधाओं, डिजिटल माध्यमों और जागरूकता के कारण इन भ्रांतियों में कमी आई है।

कार्यक्रम के दौरान एक विशेष सत्र में रिजिजू ने पूर्वोत्तर छात्र परामर्श एवं कल्याण प्रकोष्ठ की वार्षिक साहित्यिक पत्रिका “The Bamboo Door” का विमोचन किया, जो इस उत्सव की सांस्कृतिक और साहित्यिक गहराई को और बढ़ाता है।

उत्सव में पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से आए छात्रों ने लोकनृत्य, पारंपरिक संगीत, फैशन शो और रंगारंग प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया, जो दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। इन प्रस्तुतियों ने न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता को उजागर किया, बल्कि छात्रों में सामाजिक समावेश, आत्म-विश्वास और रचनात्मकता को भी प्रोत्साहित किया।

“सिमांग कुम्हेई 2025” ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और एकता न केवल क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस सफल आयोजन के लिए ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज और पूर्वोत्तर छात्र परामर्श एवं कल्याण प्रकोष्ठ की सराहना की जा रही है।

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