दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी गिरोह का पर्दाफाश, बवाना में करते थे प्रॉपर्टी डीलर का काम, तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में तीन अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को गिरफ्तार किया गया, जो दिल्ली के बवाना इलाके में फर्जी प्रॉपर्टी डीलर बनकर काम कर रहे थे। पुलिस ने इनके पास से नकली जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और अन्य जाली दस्तावेज बरामद किए हैं। गिरफ्तार घुसपैठियों की पहचान 72 वर्षीय मुस्ताक , उनके बेटे 28 वर्षीय शाहिद खान और 32 वर्षीय मिंटू के रूप में हुई है। ये सभी बवाना की जेजे कॉलोनी में रह रहे थे और लंबे समय से प्रॉपर्टी डीलिंग के नाम पर अवैध गतिविधियों में लिप्त थे।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया गुप्त सूचना मिली थी कि दिल्ली के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी जिलों में कुछ अवैध बांग्लादेशी प्रवासी सक्रिय हैं। इसके आधार पर इंस्पेक्टर विवेकानंद और सब-इंस्पेक्टर शबनम सैफी की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने बवाना में छापेमारी कर तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पहले अपनी बांग्लादेशी पहचान छिपाने की कोशिश की, लेकिन गहन जांच के बाद उन्होंने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की बात कबूल की। उन्होंने बताया कि वे बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत आए थे और स्थानीय एजेंटों की मदद से फर्जी दस्तावेज हासिल किए। इन दस्तावेजों के आधार पर वे दिल्ली में कई सालों से रह रहे थे और प्रॉपर्टी डीलिंग के जरिए अपनी पहचान छिपा रहे थे। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत मामला दर्ज किया है।

जांच में पता चला कि यह गिरोह सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था। आरोपी न केवल फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपनी पहचान छिपा रहे थे, बल्कि स्थानीय स्तर पर प्रॉपर्टी डीलिंग के जरिए आर्थिक लाभ भी कमा रहे थे। पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस सिंडिकेट में और कितने लोग शामिल हैं। पुलिस ने बरामद दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितने अन्य अवैध प्रवासी इस तरह के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में सक्रिय उन एजेंटों की भी तलाश की जा रही है, जिन्होंने इन आरोपियों को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए।

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