अमीरों को 5 से 10 लाख में बेचे जाते थे मासूम, दिल्ली पुलिस ने तोड़ा मानव तस्करी का जाल, तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका जिला पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराज्यीय मानव तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। जिले की स्पेशल स्टाफ की टीम ने गुजरात, राजस्थान और दिल्ली में सक्रिय एक गिरोह के तीन प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारआरोपियोंकी पहचान 30 वर्षीय यास्मीन, 36 वर्षीय अंजलि और 47 वर्षीय जितेंद्र के रूप में हुई है। उनके कब्जे से एक 3-4 दिन का नवजात शिशु भी बरामद किया गया।

द्वारका जिला के डीसीपी अंकित सिंह के नेतृत्व में यह ऑपरेशन बच्चों के खिलाफ अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। गुप्त सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर विश्वेंद्र ढाका की अगुआई में स्पेशल स्टाफ की टीम ने 20 दिनों तक कड़ी निगरानी की। इस दौरान 20 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया। 8 अप्रैल को उत्तम नगर से तीनों आरोपियों को पकड़ा गया।

डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह सरोज नामक सरगना के इशारे पर काम करता था, जो राजस्थान और गुजरात से नवजात बच्चों को लाकर दिल्ली के निःसंतान अमीर परिवारों को 5 से 10 लाख रुपये में बेचता था। पुलिस ने उत्तम नगर थाने में बीएनएस की धारा 143(4), 61(2), 3(5) और जेजे एक्ट की धारा 81 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों में शामिल अंजलि का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। वह पहले भी सीबीआई द्वारा मानव तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार हो चुकी है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों और सरगना सरोज की तलाश में जुटी है।

दिल्ली के द्वारका जिला पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराज्यीय मानव तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। जिले की स्पेशल स्टाफ की टीम ने गुजरात, राजस्थान और दिल्ली में सक्रिय एक गिरोह के तीन प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियोंकी पहचान 30 वर्षीय यास्मीन, 36 वर्षीय अंजलि और 47 वर्षीय जितेंद्र के रूप में हुई है। उनके कब्जे से एक 3-4 दिन का नवजात शिशु भी बरामद किया गया।

द्वारका जिला के डीसीपी अंकित सिंह के नेतृत्व में यह ऑपरेशन बच्चों के खिलाफ अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। गुप्त सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर विश्वेंद्र ढाका की अगुआई में स्पेशल स्टाफ की टीम ने 20 दिनों तक कड़ी निगरानी की। इस दौरान 20 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया। 8 अप्रैल को उत्तम नगर से तीनों आरोपियों को पकड़ा गया।

डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह सरोज नामक सरगना के इशारे पर काम करता था, जो राजस्थान और गुजरात से नवजात बच्चों को लाकर दिल्ली के निःसंतान अमीर परिवारों को 5 से 10 लाख रुपये में बेचता था। पुलिस ने उत्तम नगर थाने में बीएनएस की धारा 143(4), 61(2), 3(5) और जेजे एक्ट की धारा 81 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों में शामिल अंजलि का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। वह पहले भी सीबीआई द्वारा मानव तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार हो चुकी है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों और सरगना सरोज की तलाश में जुटी है।

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