राष्ट्रीय जजमेंट

सिलक्यारा सुरंग खुदाई कार्य पूरा होने के उपलक्ष्य में 16 अप्रैल को समारोह की तैयारी

उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला प्रशासन सिलक्यारा सुरंग की खुदाई कार्य पूरा होने और मुहाने पर नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में बुधवार को एक समारोह आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

सिलक्यारा सुरंग के निर्माण के दौरान 2023 में एक हिस्सा ढह गया था और उसमें 41 मजदूर फंस गए थे। इन मजदूरों को 17 दिनों तक बड़े पैमाने पर चले बचाव अभियान के बाद आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

अधिकारी के मुताबिक सुरंग के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने के लिए केवल दो मीटर की खुदाई और बची है। सुरंग का एक छोर सिलक्यारा मोड़ पर और दूसरा बरकोट पर स्थित है।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने संवाददाताओं को बताया कि सुरंग का आखिरी हिस्सा खोदने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सुरंग के बाहर बाबा बौखनाग को समर्पित मंदिर का निर्माण भी पूरा हो गया है। हमने स्थानीय पुजारियों से बात की है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो सुरंग का निर्माण और मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एक ही दिन 16 अप्रैल को हो सकती है।’’

अधिकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, राज्य मंत्री अजय टम्टा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हो सकते हैं।

उन्होंने बताया कि जब मजदूर कई दिनों तक बिना भोजन और पानी के सुरंग के अंदर फंसे रहे, तो स्थानीय लोगों का मानना ​​था कि यह बाबा बौखनाग के श्राप के कारण हो सकता है, जिनका सुरंग के बाहर स्थित छोटा मंदिर निर्माण कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था।

मुख्यमंत्री ने सभी फंसे हुए मजदूरों के चमत्कारिक रूप से बच जाने का श्रेय बाबा बौखनाग के आशीर्वाद को दिया। उन्होंने बचाव अभियान के समापन के तुरंत बाद घोषणा की थी कि सुरंग के मुहाने पर ठीक उसी स्थान पर देवता का मंदिर बनाया जाएगा जहां वह मूल रूप से स्थित था। सिलक्यारा सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी दो लेन सड़क वाली होगी।

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ऊंगली उठाने से पहले शिअद को खुद पर उठ रहे सवालों के जवाब देने चाहिए : जाखड़

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने रविवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की आलोचना करते हुए कहा कि ऊंगली उठाने से पहले शिअद को खुद पर उठ रहे सवालों के जवाब देने चाहिए।

जाखड़ की यह टिप्पणी शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के उस दावे के एक दिन बाद आयी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी और उनके नेतृत्व को समाप्त करने के लिए ‘‘साजिश रची गई।’’

बादल ने यह भी दावा किया था कि 2020 में राजग से शिअद के बाहर जाने के बाद यह साजिश शुरू हुई थी। सुखबीर को हाल ही में फिर से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है।

भाजपा के खिलाफ लगाये गये शिअद के आरोपों को खारिज करते हुये जाखड़ ने अपनी पार्टी के पूर्व सहयोगी को अपनी कमियों ढूंढने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘‘ऊंगली उठाने से पहले शिअद को खुद पर उठ रहे सवालों के जवाब देने चाहिए। इसके बाद ही उन्हें दूसरों की आलोचना करना चाहिए।’’

सुखबीर को एक बार फिर शनिवार को शिअद का अध्यक्ष चुना गया। 62 वर्षीय पूर्व उप मुख्यमंत्री को पहली बार 2008 में पार्टी अध्यक्ष चुना गया था। जाखड़ ने अकाली दल पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था अकाल तख्त के अधिकार को कमतर किया है, जिससे पंजाबियों की भावनाएं आहत हुयी हैं।

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सिलक्यारा सुरंग खुदाई कार्य पूरा होने के उपलक्ष्य में 16 अप्रैल को समारोह की तैयारी

उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला प्रशासन सिलक्यारा सुरंग की खुदाई कार्य पूरा होने और मुहाने पर नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में बुधवार को एक समारोह आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

सिलक्यारा सुरंग के निर्माण के दौरान 2023 में एक हिस्सा ढह गया था और उसमें 41 मजदूर फंस गए थे। इन मजदूरों को 17 दिनों तक बड़े पैमाने पर चले बचाव अभियान के बाद आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

अधिकारी के मुताबिक सुरंग के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने के लिए केवल दो मीटर की खुदाई और बची है। सुरंग का एक छोर सिलक्यारा मोड़ पर और दूसरा बरकोट पर स्थित है।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने संवाददाताओं को बताया कि सुरंग का आखिरी हिस्सा खोदने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सुरंग के बाहर बाबा बौखनाग को समर्पित मंदिर का निर्माण भी पूरा हो गया है। हमने स्थानीय पुजारियों से बात की है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो सुरंग का निर्माण और मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एक ही दिन 16 अप्रैल को हो सकती है।’’

अधिकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, राज्य मंत्री अजय टम्टा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हो सकते हैं।

उन्होंने बताया कि जब मजदूर कई दिनों तक बिना भोजन और पानी के सुरंग के अंदर फंसे रहे, तो स्थानीय लोगों का मानना ​​था कि यह बाबा बौखनाग के श्राप के कारण हो सकता है, जिनका सुरंग के बाहर स्थित छोटा मंदिर निर्माण कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था।

मुख्यमंत्री ने सभी फंसे हुए मजदूरों के चमत्कारिक रूप से बच जाने का श्रेय बाबा बौखनाग के आशीर्वाद को दिया। उन्होंने बचाव अभियान के समापन के तुरंत बाद घोषणा की थी कि सुरंग के मुहाने पर ठीक उसी स्थान पर देवता का मंदिर बनाया जाएगा जहां वह मूल रूप से स्थित था। सिलक्यारा सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी दो लेन सड़क वाली होगी।

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अंबेडकर विश्वविद्यालय ने और पांच छात्रों के निलंबन के फैसले का बचाव किया

अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) ने पांच और छात्रों को निलंबित करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए रविवार को कहा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा सरकारी वाहनों में कथित तौर पर तोड़फोड़ करने और विश्वविद्यालय के कामकाज में बाधा डाले जाने के बाद यह कार्रवाई की गई।

कुलसचिव नवलेंद्र कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पूर्व में की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने शुक्रवार को उनकी और कुलपति अनु सिंह लाठर की कार रोक दी।

सिंह ने कहा, ‘‘वे मेरे वाहन के सामने खड़े हो गए और उसे आगे नहीं बढ़ने दिया। उन्होंने कुलपति की कार को भी रोक दिया और मेरी कार में तोड़फोड़ की। सुरक्षा कर्मियों और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई है और एक प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।’’

विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने आरोपों को खारिज कर दिया और प्रशासन की कार्रवाई को ‘‘मनमाना एवं दमनकारी’’ बताया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि निलंबित किए गए छात्रों ने ‘‘आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डाली, हमले का प्रयास किया और परिसर के कर्मियों को खतरे में डाला।’’

निलंबित छात्रों में शरण्या वर्मा (छात्र संघ कोषाध्यक्ष), शुभोजीत डे (पीएचडी छात्र), शेफाली (एसएफआई एयूडी सचिव), कीर्तन और अजय शामिल हैं। यह घटना तीन छात्रों–अनन, हर्ष और नादिया-को पांच मार्च को निलंबित किए जाने का आदेश रद्द करने की मांग को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शनों के बाद हुई। अनन, हर्ष और नादिया को प्रथम वर्ष के एक छात्र के आत्महत्या के प्रयास से जुड़े मामले का कथित तौर पर राजनीतिकरण करने के लिए निलंबित किया गया था।

सिंह ने कहा, ‘‘मूल निलंबन आदेश प्रेस में जारी एक बयान के कारण दिया गया। इस बयान में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था और एक संवेदनशील मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई थी।’’ एसएफआई ने एक बयान जारी कर विश्वविद्यालय पर ‘‘असहमति की आवाज को दबाने’’ का आरोप लगाया। उसने यह भी आरोप लगाया कि सुरक्षा कर्मियों और पुलिस ने छात्राओं के साथ ‘‘दुर्व्यवहार किया, उन्हें जबर्दस्ती छुआ और उन पर हमला किया।’’

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के आंदोलन से परिसर के कामकाज में बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए या कर्मचारियों और छात्रों की सुरक्षा को खतरा नहीं होना चाहिए। एसएफआई ने तोड़-फोड़ और हिंसा के आरोपों को खारिज किया और दावा किया कि छात्रों को परेशान किए जाने की यह अकेली घटना नहीं थी।

संगठन ने दावा किया कि हमले और उत्पीड़न के पिछले मामलों में प्रशासन की “निष्क्रियता” के कारण छात्रों ने प्रेस के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाया। पांच मार्च को एयूडी के तीन छात्रों को निलंबित कर दिया गया। एसएफआई ने आरोप लगाया कि इन छात्रों को इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि उन्होंने परिसर में छात्र को परेशान किए जाने की घटना के खिलाफ आवाज उठाई थी।

छात्र संगठन ने दावा किया कि वे लगातार कुलपति से बात करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्होंने उनसे मुलाकात नहीं की। उसने कहा कि “आनन बिजो और ओआरएस बनाम डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली” मामले में छात्रों के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई थी और इस पर एक अप्रैल 2025 को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई थी।

एसएफआई ने दावा किया कि प्रशासन ने और समय मांगा था तथा अगली सुनवाई आठ अप्रैल 2025 को हुई। संगठन ने कहा कि प्रशासन ने अदालत की सुनवाई के दौरान कहा था कि वह निलंबन के खिलाफ छात्रों के अनुरोध पर विचार कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।

एसएफआई ने दावा किया कि अदालत के आठ अप्रैल के आदेश में कहा गया है कि प्रशासन के वकीलों ने पुष्टि की है कि “याचिकाकर्ताओं ने भी अपने निलंबन की कार्रवाई के खिलाफ अपील दायर की है और उक्त अपील पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है।”

संगठन ने कहा कि मामले के अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने मार्च में निलंबन की कार्रवाई शुरू होने के बाद से कुलपति से मिलने के छात्रों के प्रयासों को नजरअंदाज किया है।

एसएफआई ने किसी भी तरह की तोड़फोड़ या हिंसा से इनकार किया और कहा कि कुलसचिव को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। उसने कुलसचिव पर एक छात्र को कुचलने का प्रयास करने का आरोप लगाया और दावा किया कि “कार का पहिया उसकी गर्दन से महज छह इंच दूर था।”

संगठन ने आरोप लगाया कि प्रशासन का उद्देश्य मामले में देरी करना और प्रदर्शनकारी छात्रों का दमन करना है, जिससे उनके शैक्षणिक करियर को नुकसान पहुंचेगा। हालांकि, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के आंदोलन से परिसर के कामकाज में बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए या कर्मचारियों और छात्रों की सुरक्षा को खतरा नहीं होना चाहिए।

प्रबंधन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय प्रशासन बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन विरोध के नाम पर धमकाए जाने या हिंसा किए जाने को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’’ एयूडी प्रशासन अपने फैसले पर अडिग है, जबकि एसएफआई ने सभी आठ छात्रों का निलंबन रद्द किए जाने तक विरोध-प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया है।

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गाजियाबाद: ट्रैक्टर की चपेट में आने से बच्ची की मौत

उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद जिले के मुरादनगर इलाके में रविवार को तेज रफ्तार ट्रैक्टर की चपेट में आने से चार साल की एक बच्ची की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस उपायुक्त (ग्रामीण) सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि यह दुर्घटना सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुई। उन्होंने बताया कि मृतक बच्ची की पहचान हिमांशी के रूप में हुई है। तिवारी ने बताया कि बच्ची और उसके माता-पिता मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।

उन्होंने बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के करावल नगर का रहने वाला पुष्पेंद्र गंग नहर के पास दिल्ली-मेरठ मार्ग पर डिवाइडर पर अपना दोपहिया वाहन मोड़ रहा था, तभी मोदीनगर की ओर से तेज रफ्तार से आ रहे एक ट्रैक्टर ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी।

उन्होंने बताया कि हिमांशी ट्रैक्टर के नीचे आने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे संजय नगर इलाके के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। तिवारी ने बताया कि पुलिस ने ट्रैक्टर को जब्त कर लिया है और उसके चालक की तलाश की जा रही है।

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BSF ने बताया कैसे गाजी बाबा के मारे जाने के बाद नेतृत्व हीन हो गया था जैश-ए-मोहम्मद

नयी दिल्ली। वर्ष 2003 में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अभियान में आतंकवादी गाजी बाबा के मारे जाने के बाद आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद लगभग नेतृत्व हीन हो गया था। बीएसएफ के इस अभियान पर बनी एक एक्शन फिल्म रिलीज के लिए तैयार है। इस अभियान के लिए अर्धसैनिक बल को दो सैन्य अलंकरणों सहित एक दर्जन वीरता पदक भी मिले थे। यह अभियान 1965 में गठित बीएसएफ के आधिकारिक इतिहास की किताब में अंकित हो गया है। बीएसएफ का मुख्य कार्य देश की आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कर्तव्यों का निर्वहन करने के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी भारतीय सीमा की रक्षा करना है।

ग्राउंड जीरो नामक एक हिंदी फिल्म इस अभियान और उस समय के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक को मार गिराने वाले बीएसएफ के बहादुर अधिकारियों और जवानों के कारनामों पर आधारित है। यह फिल्म 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। अभिनेता इमरान हाशमी ने फिल्म में बीएसएफ के दूसरे नंबर के अधिकारी नरेन्द्र नाथ धर दुबे की भूमिका निभाई है, जिन्होंने आतंकवादी गाजी बाबा को मार गिराने के अभियान का नेतृत्व किया था।

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बीएसएफ ने राणा ताहिर नदीम उर्फ ​​गाजी बाबा की तलाश उस दिन से ही शुरू कर दी थी, जब दिसंबर 2001 में जैश-ए-मोहम्मद ने भारतीय संसद पर हमला किया था। बीएसएफ के इतिहास के बारे में लिखी गयी 319 पृष्ठों की इस पुस्तक के मुताबिक अपनी लगातार खुफिया जानकारी और निगरानी प्रयासों के कारण, बल को 29 अगस्त 2003 को इस आतंकवादी के बारे में जानकारी मिल गई। इस पुस्तक को 2015 में बीएसएफ द्वारा अपनी 50वीं वर्षगांठ पर जारी किया गया था।

बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिस अवधि के दौरान यह अभियान चलाया गया, उस दौरान बीएसएफ कश्मीर घाटी में आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए तैनात थी और इसकी महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध जी शाखा (खुफिया शाखा) को अद्भुत परिणाम और उच्च श्रेणी की जासूसी सूचनाएं देने के लिए जाना जाता था।

पुस्तक के बारे में पीटीआई- को मिली सूचना के मुताबिक, इसमें इस बात का ब्योरा है कि कैसे एक सूत्र ने अधिकारी नरेन्द्र नाथ धर दुबे को बताया कि जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य कमांडर और सबसे खतरनाक आतंकवादी तथा संसद हमले का मास्टरमाइंड गाजी बाबा श्रीनगर के नूरबाग इलाके में एक घर में छिपा हुआ है। पुस्तक में कहा गया है कि गाजी बाबा के बार-बार अपने ठिकाने बदलने की आदत और पकड़ से बचने की उसकी क्षमता के कारण बीएसएफ के लिए उसी रात अपना अभियान चलाना आवश्यक था। इस अभियान की योजना दुबे ने बनाई थी, जो उस समय 61वीं बीएसएफ बटालियन के कार्यवाहक कमांडेंट थे, तथा इसमें 193वीं बटालियन के कर्मियों ने सहायता की थी। बीएसएफ की टीम 30 अगस्त 2003 की सुबह एक बंद इमारत का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी, लेकिन अचानक इमारत में किसी ने बिजली की आपूर्ति बंद कर दी।

पुस्तक के अनुसार, इमारत की तलाशी के दौरान बीएसएफ को पांच नागरिक मिले, जिनमें चार महिलाएं भी थीं, लेकिन उनके जवाब असंगत और संदिग्ध थे, जिससे जवानों को विश्वास हो गया कि वहां आतंकवादी छिपे हुए हैं। बीएसएफ की पुस्तक के मुताबिक, ‘‘जब जवानों ने इमारत की दूसरी मंजिल की तलाशी ली, तो एक कमरे में अलमारी की स्थिति और डिजाइन ने उनके मन में संदेह पैदा किया। जब बीएसएफ के जवानों ने इस फर्नीचर को लात मारकर खोला, तो वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की और ग्रेनेड फेंके।’’

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एक ग्रेनेड बीएसएफ दल के बहुत करीब आकर गिरा, लेकिन डिप्टी कमांडेंट बीनू चंद्रन ने साहस का परिचय देते हुए उसे उठाया और जिस दिशा से ग्रेनेड आया था, उसी दिशा में फेंक दिया। इसमें कहा गया, इस कार्रवाई से आतंकवादी अपने ठिकाने से बाहर निकल आए। इसमें यह भी कहा गया है कि एक आतंकवादी अपने सब-मशीन गन से बेतहाशा गोलियां चलाता हुआ अपने ठिकाने से बाहर कूद गया। पुस्तक में कहा गया है कि दुबे को बचाते समय कांस्टेबल बलबीर सिंह को एके-47 की गोली लगी और वह मौके पर ही शहीद हो गए।

घायल दुबे ने आतंकवादी से हाथापाई की, जिसने अपनी थैली से पिस्तौल निकाली और गोली चला दी, जिससे अधिकारी का दाहिना हाथ टूट गया। दुबे को कुल सात गोलियां लगी थीं। खून से लथपथ दुबे ने कांस्टेबल ओमवीर के साथ भाग रहे आतंकवादी गाजी बाबा का पीछा किया और उसे मुठभेड़ में मार गिराया। दुबे को सेना के वीरता पदक कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, बलबीर सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया, जबकि बीनू चंद्रन, सेकेंड-इन-कमांड सीपी त्रिवेदी, कांस्टेबल राजेश भदौरिया और अतिरिक्त डीआईजी के श्रीनिवासन को वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी) से सम्मानित किया गया।

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पवन कल्याण की पत्नी ने तिरुमला मंदिर में अपने बाल अर्पित किए

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की पत्नी अन्ना कोनिडेला ने रविवार को तिरुमला मंदिर में अपने बाल अर्पित किए। उन्होंने हाल में सिंगापुर के एक स्कूल में आग लगने की घटना के बाद अपने बेटे की सलामती के लिए यह मन्नत मांगी थी।

दंपति का बेटा मार्क शंकर हाल में सिंगापुर में एक ‘समर कैंप’ में भाग लेने गया था और इस दौरान आग लगने की घटना में बाल-बाल बच गया। यह घटना आठ अप्रैल को हुई थी, जिसमें शंकर के हाथ और पैर झुलस गए थे।

जनसेना पार्टी की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, परंपरा को ध्यान में रखते हुए अन्ना ने पद्मावती कल्याण कट्टा में अपने बाल अर्पित किए और अनुष्ठान में भाग लिया।

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भूमि घोटाले के मामले में न तो नोटिस मिला, न कभी पूछताछ की गई : नेकां सांसद रूहुल्ला मेहदी

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के सांसद आगा रूहुल्ला मेहदी ने रविवार को दो दशक पुराने भूमि घोटाले के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा उनके खिलाफ दाखिल आरोपपत्र पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें न तो कोई नोटिस मिला और न ही कथित अनियमितताओं के बारे में उनसे कभी पूछताछ की गई।

शिया समुदाय के प्रमुख नेता मेहदी शनिवार को एसीबी द्वारा मामले में दाखिल आरोपपत्र में नामजद 22 लोगों में शामिल हैं। श्रीनगर से लोकसभा सदस्य ने कहा, “यह मेरे लिए उतनी ही आश्चर्य की बात है जितनी कि लोगों के लिए। आरोपपत्र दाखिल किये जाने के दिन, मुझे इस भूमि घोटाले के बारे में पता चला।”

रूहुल्ला ने कहा कि पिछले 20 वर्ष में एसीबी की ओर से नोटिस या पूछताछ के रूप में कोई संवाद नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “अगर अपराध 20 वर्ष पहले हुआ था तो प्रशासन, एसीबी और पुलिस कहां थी? पूछताछ होनी चाहिए थी। मुझे कोई कानूनी नोटिस नहीं मिला।”

एसीबी के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया था कि कश्मीर में रुख्स और फार्म विभाग के आधिकारिक पदों के दुरुपयोग के आरोपों की एसीबी द्वारा की गई संयुक्त औचक जांच के आधार पर मामला दर्ज किया गया था।

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भूमि घोटाले के मामले में न तो नोटिस मिला, न कभी पूछताछ की गई : नेकां सांसद रूहुल्ला मेहदी

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के सांसद आगा रूहुल्ला मेहदी ने रविवार को दो दशक पुराने भूमि घोटाले के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा उनके खिलाफ दाखिल आरोपपत्र पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें न तो कोई नोटिस मिला और न ही कथित अनियमितताओं के बारे में उनसे कभी पूछताछ की गई।

शिया समुदाय के प्रमुख नेता मेहदी शनिवार को एसीबी द्वारा मामले में दाखिल आरोपपत्र में नामजद 22 लोगों में शामिल हैं। श्रीनगर से लोकसभा सदस्य ने कहा, “यह मेरे लिए उतनी ही आश्चर्य की बात है जितनी कि लोगों के लिए। आरोपपत्र दाखिल किये जाने के दिन, मुझे इस भूमि घोटाले के बारे में पता चला।”

रूहुल्ला ने कहा कि पिछले 20 वर्ष में एसीबी की ओर से नोटिस या पूछताछ के रूप में कोई संवाद नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “अगर अपराध 20 वर्ष पहले हुआ था तो प्रशासन, एसीबी और पुलिस कहां थी? पूछताछ होनी चाहिए थी। मुझे कोई कानूनी नोटिस नहीं मिला।”

एसीबी के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया था कि कश्मीर में रुख्स और फार्म विभाग के आधिकारिक पदों के दुरुपयोग के आरोपों की एसीबी द्वारा की गई संयुक्त औचक जांच के आधार पर मामला दर्ज किया गया था।

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दिल्ली में पाम संडे जुलूस की अनुमति नहीं दी गई, पुलिस का निर्णय चौंकाने वाला : कैथोलिक संस्था

राष्ट्रीय राजधानी में एक कैथोलिक संस्था ने कहा है कि यहां ईसाई समुदाय द्वारा प्रत्येक पाम संडे को मनाये जाने वाले एक प्रमुख धार्मिक आयोजन की अनुमति देने से दिल्ली पुलिस ने इनकार कर दिया।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि अनुमति इसलिए नहीं दी गई कि यह एक गैर-पारंपरिक जुलूस था और कहा कि पुलिस सुरक्षा चिंताओं के कारण ऐसी अनुमति देने से इनकार कर सकती है।

सूत्रों ने कहा, पारंपरिक जुलूस और गैर-पारंपरिक जुलूसों के लिए नियम हैं। (पाम संडे) जुलूस गैर-पारंपरिक जुलूस के अंतर्गत आता है, जिसके कारण अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया। आमतौर पर हम सभी समुदायों द्वारा गैर-पारंपरिक जुलूसों के लिए किए गए कई अनुरोधों को अस्वीकार कर देते हैं।

केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि सुरक्षा कारणों से जुलूस की अनुमति नहीं दी गई और यहां तक ​​कि शनिवार को होने वाले हनुमान जयंती शोभायात्रा को भी मंजूरी नहीं दी गई।

अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री कुरियन ने कहा, इस प्रकार के सभी जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कैथोलिक संस्था ने इस निर्णय की निंदा करते हुए इसे चौंकाने वाला और अनुचित करार दिया।

ईसाई समुदाय के लोगों का मानना है कि इस दिन (पाम संडे) प्रभु ईसा मसीह ने यरुशलम में प्रवेश किया था। ईसा मसीह के यरूशलम पहुंचने पर उनके अनुयायियों ने ताड़ के पेड़ के पत्ते लहराकर उनका स्वागत किया था।

दिल्ली पुलिस ने जुलूस को लेकर तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है। प्रेसिडेंट ऑफ कैथोलिक एसोसिएशन ऑफ द आर्चडायोसिस ऑफ दिल्ली (सीएएडी) के अध्यक्ष एसी माइकल ने एक बयान में कहा, यह बेहद चौंकाने वाला और अनुचित है। जुलूस हमेशा शांतिपूर्ण रहा है और अधिकारियों के साथ इसका समन्वय अच्छा रहा है। कानून-व्यवस्था और यातायात का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी गई। लेकिन जब अन्य लोग इसी तरह के आयोजनों के लिए मंजूरी लेते हैं तो यह बात लागू नहीं होती।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने जुलूस निकालने की पुलिस द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने की आलोचना की। विजयन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित सेक्रेड हार्ट चर्च में कुरुथोला प्रदक्षिणम (पाम संडे जुलूस) के लिए अनुमति नहीं देने का दिल्ली पुलिस का निर्णय निंदनीय है।

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अंबुमणि ने पीएमके में खींचतान को पार्टी का ‘‘आंतरिक मामला’’ बताया

पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के शीर्ष नेता अंबुमणि रामदास ने नेतृत्व के मुद्दे पर अपनी पार्टी में चल रही खींचतान को ‘‘आंतरिक मामला’’ बताते हुए रविवार को कहा कि पार्टी पदाधिकारी विचार-विमर्श कर इस मुद्दे को सुलझा लेंगे।

अंबुमणि ने चेन्नई के निकट मामल्लापुरम में संवाददाताओं से कहा, यह हमारी पार्टी का आंतरिक मामला है और हम इस पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता पीएमके संस्थापक और उनके पिता एस रामदास के मार्गदर्शन में कड़ी मेहनत करेंगे ताकि पीएमके राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी बन सके।

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झारखंड : हजारीबाग के एक गांव में धार्मिक शोभायात्रा पर पथराव, सुरक्षा बढ़ाई गई

झारखंड के हजारीबाग जिले के एक गांव में रविवार देर शाम एक धार्मिक शोभायात्रा पर कथित तौर पर पथराव किये जाने के बाद से तनाव व्याप्त है। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद झुरझुरी गांव में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बरही के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) अजीत कुमार बिमल ने पीटीआई- को बताया, धार्मिक शोभायात्रा के दौरान उपद्रवियों ने पथराव किया।

इसके बाद शोभायात्रा में शामिल लोगों ने जीटी रोड के एक हिस्से को जाम कर दिया, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। धार्मिक शोभायात्रा का आयोजन करने वाले समूह ने यह भी दावा किया कि पथराव में कई महिलाएं घायल हो गईं।

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जयशंकर ने ओमान के विदेश मंत्री से फोन पर बातचीत की

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अपने ओमानी समकक्ष बद्र अलबुसैदी से फोन पर बातचीत की। उन्होंने पश्चिम एशिया में समग्र स्थिति पर चर्चा की। यह जानकारी मिली है कि जयशंकर और अलबुसैदी ने गाजा में स्थिति पर चर्चा की।

जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, आज ओमान के विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी के साथ फोन पर हुई बातचीत की सराहना करता हूं। हालिया क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा हुई।

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तमिलगा वेत्री कझगम प्रमुख विजय ने वक्फ कानून की वैधता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी

अभिनेता एवं तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पार्टी के अध्यक्ष विजय ने वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक दर्जन से अधिक याचिकाओं पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगी।

इन याचिकाओं में ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर एक याचिका भी शामिल है। न्यायालय की वेबसाइट के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन याचिकाओं की सुनवाई करने वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा हैं।

ओवैसी की याचिका के अलावा, शीर्ष अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अमानतुल्लाह खान, ‘एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’, अरशद मदनी, समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब खान सलमानी, मोहम्मद शफी, मोहम्मद फजलुर्रहीम और राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज झा द्वारा दायर याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम को अधिसूचित किया था।

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बीएसएफ ने बंगाल के नादिया में हथियारों, मादक पदार्थों की तस्करी की कोशिश नाकाम की

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने पश्चिम बंगाल के नादिया से बांग्लादेश में हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी की कोशिश को नाकाम कर दिया और एक आग्नेयास्त्र जब्त किया। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि बीएसएफ जवानों ने दिन में नदिया जिले में कैजुरी और होरंदीपुर सीमा चौकियों से 22 किलोग्राम गांजा भी बरामद किया। बीएसएफ के एक बयान में कहा गया, सुबह करीब 5:55 बजे तुंगी चौकी पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने पांच-छह तस्करों की संदिग्ध गतिविधियां देखीं, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर बढ़ रहे थे। जब बीएसएफ कर्मियों ने उन्हें रुकने के लिए कहा तो वे भागने लगे।

कर्मियों नेतस्करों का पीछा किया, लेकिन वे कम दृश्यता और क्षेत्र में जलभराव का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे।’’ बीएसएफ के एक बयान में कहा गया, जवानों ने इसके बाद इलाके में गहन तलाश अभियान चलाया और तस्करों द्वारा गिराया गया प्लास्टिक का एक थैला बरामद किया। थैले के अंदर एक पिस्तौल मिली, जिसे जब्त कर लिया गया।

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आप ने रेखा गुप्ता को बताया ‘रबर स्टांप मुख्यमंत्री’, भाजपा ने किया पलटवार

आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को ‘‘रबर स्टांप सीएम’’ करार देते हुए आरोप लगाया कि उनके पति आधिकारिक बैठकों में भाग ले रहे हैं। इस पर, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान सरकारी अधिकारी उनकी पत्नी सुनीता को ‘‘मैडम सीएम’’ कहते थे।

विवाद शनिवार को शुरू हुआ, जब नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड, लोक निर्माण विभाग और डीयूएसआईबी (दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड) के वरिष्ठ अधिकारियों की एक आधिकारिक बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता की मौजूदगी का आरोप लगाया।

रविवार को आप की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने हमला जारी रखते हुए दावा किया कि रेखा गुप्ता ‘रबर स्टांप सीएम’ हैं और भाजपा के इस फैसले को ‘‘लोकतंत्र का मजाक’’ करार दिया।

भारद्वाज ने कहा, ‘‘केवल वही व्यक्ति निर्देश जारी कर सकता है जिसने संवैधानिक शपथ ली हो। उनके (रेखा गुप्ता) पति किस पद पर हैं?’’ भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चर्चा के दौरान परिवार के सदस्यों का मौजूद रहना कोई असामान्य या गैरकानूनी बात नहीं है।

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