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‘लातों के भूत, बातों से नहीं मानेंगे’, बंगाल हिंसा पर बोले योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में हुई हालिया हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस मुद्दे पर सीधे तौर पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि हिंसा से ग्रस्त लोग बातचीत से नहीं समझेंगे। उन्हें केवल लाठी से ही होश आएगा (लातों के भूत, बातों से नहीं मानेंगे)। अगर कोई बांग्लादेश से इतना प्यार करता है, तो वह वहां जाने के लिए स्वतंत्र है। योगी ने कहा कि बंगाल जल रहा है। राज्य की मुख्यमंत्री चुप हैं। वे दंगाइयों को शांतिदूत कहती हैं। लातों के भूत बातों से कहां मनवाने वाले हैं? लेकिन धर्मनिरपेक्षता के नाम पर इन लोगों ने दंगाइयों को दंगे करने की पूरी छूट दे रखी है।
योगी ने कहा कि पूरा मुर्शिदाबाद पिछले एक हफ्ते से जल रहा है। लेकिन सरकार चुप है। ऐसी अराजकता पर लगाम लगनी चाहिए। पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सब चुप हैं। मुर्शिदाबाद दंगों पर कांग्रेस चुप है। समाजवादी पार्टी चुप है। टीएमसी चुप है। वे धमकियाँ दे रहे हैं। वे बेशर्मी से बांग्लादेश में जो हुआ उसका समर्थन कर रहे हैं। अगर उन्हें बांग्लादेश पसंद है, तो उन्हें वहाँ चले जाना चाहिए। वे भारत की धरती पर बोझ क्यों बन रहे हैं?
इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ अधिनियम को लेकर हुई हिंसा के दौरान हिंदुओं को उनके घरों से घसीटकर मार डाला गया। उन्होंने कहा कि हिंसा भड़काई गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि “तीन हिंदुओं को उनके घरों से घसीटकर निकाला गया और उनकी हत्या कर दी गई।” उन्होंने कहा, “ये सब कौन हैं? ये वही दलित, वंचित और गरीब लोग हैं, जिन्हें इस जमीन से सबसे ज्यादा फायदा मिलने वाला है।” योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि यह “वही देश है, जिसमें वक्फ के नाम पर लाखों एकड़ जमीन पर कब्जा किया गया है।”

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महागठबंधन में शामिल होंगे चिराग के चाचा पशुपति पारस? इशारों-इशारों में दिया बड़ा संकेत

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी अब भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा नहीं है। पार्टी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि उनकी पार्टी बिहार में अब राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो सकती है। पशुपति कुमार पारस ने तेजस्वी यादव और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच आज हुई बैठक को काफी सफल बताया है। इसका मतलब साफ है कि वह महागठबंधन में शामिल हो रहे हैं।पशुपति कुमार पारस ने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है। हमारी राय है कि इस महीने के अंत तक INDIA गठबंधन के लोगों को बुलाया जाए और एक योजना के तहत वे बिहार भर के 38 जिलों में एकजुट होकर लोगों के बीच जाएं और अपनी बात रखें। अगस्त तक हमारी पार्टी की योजना बिहार के जिलों में जाकर संगठन को मजबूत करने और समर्थकों की समस्याओं का समाधान करने की है। निश्चित रूप से एनडीए गठबंधन को हराने के लिए INDIA गठबंधन को मजबूत करना होगा और सभी छोटी पार्टियों को साथ लाना होगा। बिहार में लोग बदलाव के मूड में हैं। हमने देखा है कि दलित समुदाय एनडीए गठबंधन से नाराज है। इससे पहले सोमवार को घोषणा करते हुए पारस ने कहा कि दलित पार्टी होने के कारण उनकी पार्टी को अन्याय का सामना करना पड़ा और एनडीए की बैठकों में बिहार में भाजपा और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्षों ने उनकी पार्टी का कोई जिक्र नहीं किया। पारस ने कहा, “मैं 2014 से एनडीए के साथ हूं। आज मैं घोषणा करता हूं कि अब से मेरी पार्टी का एनडीए से कोई संबंध नहीं रहेगा।” अपनी पार्टी के राजनीतिक भविष्य के बारे में बात करते हुए पशुपति पारस ने कहा, ”अगर महागठबंधन हमें सही समय पर उचित सम्मान देता है, तो हम भविष्य में राजनीति के बारे में जरूर सोचेंगे।” पारस ने इस साल आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ कई बैठकें की हैं।

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इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए’, सपा नेताओं के बयान पर बोले अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के विधायक इंद्रजीत सरोज के भारत के मंदिरों पर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने उनका बयान नहीं सुना है, मैंने रामजी लाल सुमन का बयान भी नहीं सुना है लेकिन मैं पार्टी में कहूंगा कि इतिहास से जुड़ा कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि अगर इतिहास की चीजें हमें अच्छा रास्ता नहीं दिखा सकती हैं, अगर यह हमें सकारात्मक रास्ते पर नहीं ले जा सकती हैं, अगर यह हमें सकारात्मक दिशा नहीं दे सकती हैं, तो इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए। इतिहास पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। अखिलेश ने कहा कि समाजवादियों ने इतनी प्रगतिशील चीजें की हैं, इतनी प्रगतिशील बातें कही हैं। समाजवादी पार्टी के विधायक इंद्रजीत सरोज ने अपने उस बयान का बचाव किया जिसमें उन्होंने मुहम्मद गौरी जैसे ऐतिहासिक आक्रमणों के दौरान भारतीय देवी-देवताओं की भूमिका पर सवाल उठाया था। एएनआई से बात करते हुए सरोज ने कहा कि देश के देवी-देवताओं को आक्रमणकारियों को श्राप देकर राख में बदल देना चाहिए था। समाजवादी पार्टी के विधायक ने कहा कि हमारे देवी-देवता इतने शक्तिशाली नहीं थे। 712 ई. में मुहम्मद बिन कासिम अरब से इस देश में आया और देश को लूटा। मुहम्मद गौरी इस देश को लूटने आया था। तो इस देश के देवी-देवताओं ने क्या किया? इंद्रजीत सरोज ने आगे कहा कि देवी-देवताओं को मुसलमानों को श्राप देना चाहिए था। वे राख हो जाते, मर जाते और अंधे हो जाते। इसका मतलब है कि कुछ कमी है और हमारे देवी-देवता इतने शक्तिशाली नहीं हैं। सरोज ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर भारत के मंदिरों में शक्ति होती तो मोहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी और मोहम्मद गौरी जैसे आक्रमणकारी देश में नहीं आते। इसी बीच समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन ने एक और बयान देकर सियासत तेज कर दी है। आंबेडकर जयंती के मौके पर उन्होंने आगरा में स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि गड़े मुर्दे उखाड़ने की जरुरत नहीं है। तुम्हारा कहना है कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर है। हमें यह कहना पड़ेगा कि हर मंदिर के नीते बौद्ध मठ है। वो ये बयान देकर ही नहीं रुके। बल्कि उन्होंने कहा कि अगर तुम कहोगे कि मुसलमान में बाबर का डीएनए है तो तुम में किसका डीएनए है। ये भी बता दो। सुमन ने करणी सेना पर भी हमला बोला है।

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कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को बड़ा झटका! कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को बड़ा झटका!

जन प्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत ने लोकायुक्त पुलिस को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में अपनी जांच जारी रखने का आदेश दिया। अदालत ने लोकायुक्त पुलिस द्वारा प्रस्तुत ‘बी रिपोर्ट’ पर अपना निर्णय स्थगित कर दिया, जिसमें सिद्धारमैया को किसी भी गलत काम से मुक्त कर दिया गया था। इसने पुलिस को निर्देश दिया कि कोई भी निर्णय लेने से पहले एक व्यापक अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। बी रिपोर्ट को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने चुनौती दी थी, जिन्होंने क्लीन चिट पर सवाल उठाए और अदालत से इसे खारिज करने का आग्रह किया। अदालत ने सोमवार के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, लेकिन जांच अभी भी अधूरी होने के कारण मामले की सुनवाई अब 7 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अपने आदेश में न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ईडी के पास बी रिपोर्ट पर आपत्ति याचिका दायर करने का अधिकार है और वह एक पीड़ित पक्ष के रूप में ऐसा कर सकता है। लोकायुक्त पुलिस, जिसने अपनी जांच जारी रखने के लिए न्यायालय से अनुमति मांगी थी, को अब औपचारिक रूप से आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी गई है। हालांकि मौजूदा रिपोर्ट मुख्यमंत्री से संबंधित है, लेकिन मुदा मामले में अन्य आरोपियों की जांच अभी भी जारी है। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक पुलिस द्वारा पूर्ण और अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जाती, तब तक वह अंतिम आदेश पारित नहीं करेगा।

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लोग जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं’, मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर ममता सरकार पर बरसे अधीर रंजन चौधरी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से जुड़ी हालिया हिंसा को लेकर नाटक करने का आरोप लगाया। मुर्शिदाबाद हिंसा में घायल लोगों से मिलने पहुंचे बरहामपुर से पूर्व कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बहुत सारे लोग अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन पुलिस और राज्य सरकार चुप हैं। लोग जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, फिर भी राज्य सरकार कुछ नहीं कहती है।मुर्शिदाबाद के बरहामपुर से पूर्व सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री धर्मनिरपेक्ष होने का दिखावा करती हैं और उन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आम मुसलमानों को जिहादी कहने का मौका देने का आरोप लगाया। चौधरी ने एएनआई से कहा, “हम सभी जानते हैं कि भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करेगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री नाटक कर रही हैं, वह धर्मनिरपेक्ष होने का दिखावा करती हैं। बंगाल सरकार भाजपा को आम मुसलमानों को जिहादी कहने का मौका दे रही है और इससे किसे फायदा होगा? टीएमसी और भाजपा को इससे फायदा होता है।”उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि दंगे वहीं होते हैं जहां सरकार चाहती है। एक बार गोधरा में ऐसा हुआ क्योंकि सरकार चाहती थी। बंगाल में भी ऐसा हो रहा है क्योंकि सरकार चाहती है।” उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बाहर से “शांति सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है।” विपक्षी भाजपा ने भी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार की आलोचना की है कि वह कथित तौर पर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने में विफल रही है, खासकर हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में। पार्टी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया कि हिंसा का इस्तेमाल स्कूल चयन आयोग (एसएससी) की जांच से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है।

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सीएम ममता हिंसा भड़काने का कर रहीं प्रयास, केंद्रीय मंत्री रिजिजू का बंगाल सरकार पर बड़ा आरोप

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य में संशोधित वक्फ अधिनियम के कार्यान्वयन का विरोध करने वाले अपने सार्वजनिक बयानों के माध्यम से हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। कोच्चि में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए रिजिजू ने सवाल किया कि संवैधानिक पद पर आसीन मुख्यमंत्री कैसे खुले तौर पर घोषणा कर सकती हैं कि वह संसद द्वारा पारित कानून को लागू नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि कैसे वह कैसे कह सकती हैं कि वह इसे लागू नहीं करेंगी? वह एक संवैधानिक पद पर बैठी हैं और कानून एक संवैधानिक निकाय द्वारा पारित किया गया है, फिर वह कैसे कह सकती हैं कि वह किसी ऐसी चीज का पालन नहीं करेंगी जो संवैधानिक है।” उन्होंने कहा कि इस तरह का रुख संवैधानिक ढांचे और कानून के शासन को कमजोर करता है।केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री लोगों को विरोध-प्रदर्शन के लिए उकसाकर और यह कहकर हिंसा भड़का रही हैं कि वह संसद में पारित कानून को लागू नहीं करेंगी। राज्य में वक्फ अधिनियम से संबंधित हिंसा के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में रिजिजू ने बनर्जी को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री लोगों से विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहकर और यह कहकर कि वह संसद द्वारा पारित कानून का पालन नहीं करेंगी, स्पष्ट रूप से हिंसा भड़का रही हैं। हिंसा ने दक्षिण 24 परगना और मुर्शिदाबाद जिलों के भांगड़ जैसे क्षेत्रों कोविशेष रूप से प्रभावित किया है, जहां झड़पों के परिणामस्वरूप चोटें, संपत्ति की क्षति और मौतें हुई हैं।गौरतलब है कि हिंसा के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हाथ जोड़कर कहती हैं कि वायलेंस को बढ़ावा मत नहीं दीजिए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से तनाव के बीच शांति बनाए रखने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अकेले पैदा होते हैं और अकेले मरते हैं तो लड़ाई क्यों? दंगे, युद्ध या अशांति क्यों? केंद्र का कानून है इसे हम अपने राज्य में लागू नहीं होने देंगे।

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महागठबंधन में शामिल होंगे चिराग के चाचा पशुपति पारस? इशारों-इशारों में दिया बड़ा संकेत

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी अब भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा नहीं है। पार्टी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि उनकी पार्टी बिहार में अब राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो सकती है। पशुपति कुमार पारस ने तेजस्वी यादव और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच आज हुई बैठक को काफी सफल बताया है। इसका मतलब साफ है कि वह महागठबंधन में शामिल हो रहे हैं।पशुपति कुमार पारस ने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है। हमारी राय है कि इस महीने के अंत तक INDIA गठबंधन के लोगों को बुलाया जाए और एक योजना के तहत वे बिहार भर के 38 जिलों में एकजुट होकर लोगों के बीच जाएं और अपनी बात रखें। अगस्त तक हमारी पार्टी की योजना बिहार के जिलों में जाकर संगठन को मजबूत करने और समर्थकों की समस्याओं का समाधान करने की है। निश्चित रूप से एनडीए गठबंधन को हराने के लिए INDIA गठबंधन को मजबूत करना होगा और सभी छोटी पार्टियों को साथ लाना होगा। बिहार में लोग बदलाव के मूड में हैं। हमने देखा है कि दलित समुदाय एनडीए गठबंधन से नाराज है। इससे पहले सोमवार को घोषणा करते हुए पारस ने कहा कि दलित पार्टी होने के कारण उनकी पार्टी को अन्याय का सामना करना पड़ा और एनडीए की बैठकों में बिहार में भाजपा और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्षों ने उनकी पार्टी का कोई जिक्र नहीं किया। पारस ने कहा, “मैं 2014 से एनडीए के साथ हूं। आज मैं घोषणा करता हूं कि अब से मेरी पार्टी का एनडीए से कोई संबंध नहीं रहेगा।” अपनी पार्टी के राजनीतिक भविष्य के बारे में बात करते हुए पशुपति पारस ने कहा, ”अगर महागठबंधन हमें सही समय पर उचित सम्मान देता है, तो हम भविष्य में राजनीति के बारे में जरूर सोचेंगे।” पारस ने इस साल आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ कई बैठकें की हैं।

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‘इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए’, सपा नेताओं के बयान पर बोले अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के विधायक इंद्रजीत सरोज के भारत के मंदिरों पर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने उनका बयान नहीं सुना है, मैंने रामजी लाल सुमन का बयान भी नहीं सुना है लेकिन मैं पार्टी में कहूंगा कि इतिहास से जुड़ा कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि अगर इतिहास की चीजें हमें अच्छा रास्ता नहीं दिखा सकती हैं, अगर यह हमें सकारात्मक रास्ते पर नहीं ले जा सकती हैं, अगर यह हमें सकारात्मक दिशा नहीं दे सकती हैं, तो इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए। इतिहास पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। अखिलेश ने कहा कि समाजवादियों ने इतनी प्रगतिशील चीजें की हैं, इतनी प्रगतिशील बातें कही हैं। समाजवादी पार्टी के विधायक इंद्रजीत सरोज ने अपने उस बयान का बचाव किया जिसमें उन्होंने मुहम्मद गौरी जैसे ऐतिहासिक आक्रमणों के दौरान भारतीय देवी-देवताओं की भूमिका पर सवाल उठाया था। एएनआई से बात करते हुए सरोज ने कहा कि देश के देवी-देवताओं को आक्रमणकारियों को श्राप देकर राख में बदल देना चाहिए था। समाजवादी पार्टी के विधायक ने कहा कि हमारे देवी-देवता इतने शक्तिशाली नहीं थे। 712 ई. में मुहम्मद बिन कासिम अरब से इस देश में आया और देश को लूटा। मुहम्मद गौरी इस देश को लूटने आया था। तो इस देश के देवी-देवताओं ने क्या किया? इंद्रजीत सरोज ने आगे कहा कि देवी-देवताओं को मुसलमानों को श्राप देना चाहिए था। वे राख हो जाते, मर जाते और अंधे हो जाते। इसका मतलब है कि कुछ कमी है और हमारे देवी-देवता इतने शक्तिशाली नहीं हैं। सरोज ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर भारत के मंदिरों में शक्ति होती तो मोहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी और मोहम्मद गौरी जैसे आक्रमणकारी देश में नहीं आते। इसी बीच समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन ने एक और बयान देकर सियासत तेज कर दी है। आंबेडकर जयंती के मौके पर उन्होंने आगरा में स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि गड़े मुर्दे उखाड़ने की जरुरत नहीं है। तुम्हारा कहना है कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर है। हमें यह कहना पड़ेगा कि हर मंदिर के नीते बौद्ध मठ है। वो ये बयान देकर ही नहीं रुके। बल्कि उन्होंने कहा कि अगर तुम कहोगे कि मुसलमान में बाबर का डीएनए है तो तुम में किसका डीएनए है। ये भी बता दो। सुमन ने करणी सेना पर भी हमला बोला है।

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