पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी परिवार को पकड़ा, निर्वासन केंद्र भेजा

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की नरेला औद्योगिक क्षेत्र थाना टीम ने बाहरी उत्तरी जिले में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने बिना वैध दस्तावेजों के दिल्ली में रह रहे एक महिला और एक नाबालिग बच्चे सहित तीन बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है।

बाहरी उत्तरी जिला के डीसीपी निधिन वलसन ने बताया कि नरेला औद्योगिक क्षेत्र थाना टीम ने खुफिया जानकारी और मुखबिरों के सहयोग से नरेला के जी-8 सेक्टर में किराए के मकान में रह रहे तीन अवैध बांग्लादेशी को पकड़ा है। हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की पहचान 36 वर्षीय हिलाल हुसैन, उनकी पत्नी 32 वर्षीय तस्लीमा अख्तर और उनके दो वर्षीय बेटे के रूप में हुई है। ये सभी बांग्लादेश के बरगुना जिले के तालतला थाना क्षेत्र के होटनपारा गांव के मूल निवासी हैं।

पूछताछ में हिलाल ने बताया कि वह कई साल पहले अपने माता-पिता के साथ यमुना पुश्ता झुग्गी में दिल्ली आया था। माता-पिता की मृत्यु के बाद वह बवाना की जेजे कॉलोनी में रहने लगा। करीब 5-6 साल पहले उसकी शादी तस्लीमा से हुई, जो बांग्लादेश से भारत आई थी। हिलाल बवाना में एक दूध बूथ पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करता है और नरेला में किराए के फ्लैट में रहता है। उसके पास आधार कार्ड भी है, जिसकी वैधता की जांच की जा रही है। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इन प्रवासियों को निर्वासन केंद्र भेजा जाएगा।

दिल्ली पुलिस की नरेला औद्योगिक क्षेत्र थाना टीम ने बाहरी उत्तरी जिले में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने बिना वैध दस्तावेजों के दिल्ली में रह रहे एक महिला और एक नाबालिग बच्चे सहित तीन बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है।

बाहरी उत्तरी जिला के डीसीपी निधिन वलसन ने बताया कि नरेला औद्योगिक क्षेत्र थाना टीम ने खुफिया जानकारी और मुखबिरों के सहयोग से नरेला के जी-8 सेक्टर में किराए के मकान में रह रहे तीन अवैध बांग्लादेशी को पकड़ा है। हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की पहचान 36 वर्षीय हिलाल हुसैन, उनकी पत्नी 32 वर्षीय तस्लीमा अख्तर और उनके दो वर्षीय बेटे के रूप में हुई है। ये सभी बांग्लादेश के बरगुना जिले के तालतला थाना क्षेत्र के होटनपारा गांव के मूल निवासी हैं।

पूछताछ में हिलाल ने बताया कि वह कई साल पहले अपने माता-पिता के साथ यमुना पुश्ता झुग्गी में दिल्ली आया था। माता-पिता की मृत्यु के बाद वह बवाना की जेजे कॉलोनी में रहने लगा। करीब 5-6 साल पहले उसकी शादी तस्लीमा से हुई, जो बांग्लादेश से भारत आई थी। हिलाल बवाना में एक दूध बूथ पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करता है और नरेला में किराए के फ्लैट में रहता है। उसके पास आधार कार्ड भी है, जिसकी वैधता की जांच की जा रही है। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इन प्रवासियों को निर्वासन केंद्र भेजा जाएगा।

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