उत्तर प्रदेश: भर्ती में रिश्वतखोरी के आरोप में बाल विकास परियोजना अधिकारी निलंबित

राष्ट्रीय जजमेंट  

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भर्ती से जुड़े रिश्वतखोरी के मामले में संलिप्त पाए जाने के बाद बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कृष्ण चंद्र को निलंबित कर दिया गया। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
जिलाधिकारी रवींद्र कुमार को जनसुनवाई के दौरान एक शिकायत मिली थी, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और रुपयों के लेनदेन का आरोप लगाया गया था। उन्होंने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) जग प्रवेश के नेतृत्व में की गई जांच में पुष्टि हुई कि चंद्र ने एक आवेदक से 1.65 लाख रुपये की मांग की थे,जिसमें से 70,000 रुपये अग्रिम भुगतान के रूप में दिए गए थे।अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला कि आवेदक को सीडीपीओ के जान पहचान के साइबर कैफे से भेजा गया गया था हालांकि आवेदक का फॉर्म जानबूझकर खारिज कर दिया गयाक्योंकि चंद्र ने एक अन्य उम्मीदवार आशा से ढाई लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार की थी।एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत वीडियो साक्ष्य आरोपों का समर्थन करते हैं। सीडीओ जग प्रवेश ने बताया, “ इस कृत्य से विभाग की छवि धूमिल हुई है और आचरण नियमों का उल्लंघन हुआ है।”जांच के आधार पर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक ने चंद्रा के निलंबन को मंजूरी दे दी और उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के नियम सात के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी।उपनिदेशक जेमा त्रिपाठी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। निलंबन के दौरान कृष्ण चंद्रा को वित्तीय नियमों के अनुसार निर्वाह भत्ता मिलेगा बशर्ते वह यह घोषणा पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य रोजगार या व्यवसाय में संलग्न नहीं हैं। निलंबन अवधि के लिए कृष्ण चंद्र को शाहजहांपुर में जिला कार्यक्रम कार्यालय से संबद्ध किया गया है।

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