कोरोना के इलाज में अस्पताल ने बिल में छूट देने से किया इनकार, प्रतिशोध में महानगरों की अस्पतालों से चुराए लैपटॉप और मोबाइल

नई दिल्ली: कोविड-19 के इलाज के दौरान पुणे के एक अस्पताल ने मेडिकल बिल में छूट देने से इनकार करने पर पुणे के एमआईटी से बी-टेक स्नातक 31 वर्षीय विकास हगावणे ने डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ रंजिश पाल ली और प्रतिशोध में दिल्ली-एनसीआर, जयपुर, मुंबई और पुणे के प्रमुख अस्पतालों में लैपटॉप, मोबाइल और अन्य कीमती सामान चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया है। दक्षिण-पूर्व जिले की एंटी-नारकोटिक्स स्क्वॉड ने उसे दिल्ली के पहाड़गंज से पकड़ा। उसके पास से चार लैपटॉप, एक मोबाइल फोन, एक एप्पल एयरपॉड, एक महंगा चश्मा, 6,100 रुपये नकद और जाली बिल बुक बरामद की गई है।

दक्षिण-पूर्व जिला के डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि दस अप्रैल को सरिता विहार के अपोलो अस्पताल के ऑन्कोलॉजी ओपीडी से डॉ. रामदास का लैपटॉप और मोबाइल फोन चोरी होने की शिकायत मिली। शिकायतकर्ता की सूचना पर थाना सरिता विहार में ई-एफआईआर दर्ज की गई। जांच के लिए इंस्पेक्टर विष्णु दत्त के नेतृत्व में एंटी-नारकोटिक्स स्क्वॉड की एक विशेष टीम गठित की गई, टीम ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज से अस्पताल में आरोपी की पहचान हुई। यह भी पता चला कि संदिग्ध दिल्ली के पहाड़गंज में एक होटल में रह रहा था। तकनीकी और मैनुअल निगरानी के आधार पर सोमवार को विकास को गिरफ्तार कर लिया गया।

डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में उसने दिल्ली के द्वारका में मणिपाल अस्पताल, वसंत कुंज में फोर्टिस अस्पताल और नोएडा के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भी चोरी की वारदातें कबूल कीं। विकास ने खुलासा किया कि 2021 में कोविड-19 के इलाज के दौरान पुणे के एक अस्पताल ने उसके मेडिकल बिल में छूट देने से इनकार कर दिया था, जिससे वह कर्ज में डूब गया। इसके बाद उसने डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ रंजिश पाल ली और प्रतिशोध में चोरी शुरू की। उसकी कार्यप्रणाली बेहद व्यवस्थित थी। वह गूगल सर्च के जरिए बड़े अस्पतालों के लेआउट का अध्ययन करता, व्यस्त समय में आगंतुक के वेश में घुसता और खाली ओपीडी या स्टाफ रूम से कीमती सामान चुराता था।

विकास कम लागत वाले होटलों में ठहरता और सिम कार्ड की बजाय होटल के वाई-फाई का इस्तेमाल करता ताकि उसकी पहचान न हो। चोरी के सामान को स्थानीय सेकेंड-हैंड बाजारों में बेचने के लिए वह जाली बिल बुक का उपयोग करता। दिल्ली आने से पहले वह 21 दिनों तक जयपुर में रहा, जहां उसने कई चोरियां कीं। विकास की निशानदेही पर चार लैपटॉप, एक मोबाइल, एक एप्पल एयरपॉड, एक महंगा चश्मा, 6,100 रुपये नकद और एक जाली बिल बुक बरामद हुई। उसकी गिरफ्तारी से दिल्ली-एनसीआर के चार मामले सुलझाए गए, जबकि पुणे और मुंबई में दर्ज छह अन्य मामलों में भी उसकी संलिप्तता पाई गई। नोएडा की एक एफआईआर का सत्यापन जारी है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More