आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की कार्रवाई: फर्जी वीजा रैकेट का पर्दाफाश, पंजाब का एजेंट गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जी शेंगेन वीजा और पासपोर्ट के साथ छेड़छाड़ कर अमेरिका में अवैध प्रवेश कराने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पंजाब के पटियाला निवासी 36 वर्षीय एजेंट नरेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है। नरेश ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक यात्री को फर्जी दस्तावेजों के जरिए अमेरिका भेजने की साजिश रची थी।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि 4-5 अप्रैल 2025 की मध्यरात्रि को अमेरिका से निर्वासित यात्री तरनतारन निवासी गुरसाहिब सिंह आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा। आव्रजन जांच के दौरान उसके पासपोर्ट में छेड़छाड़ के निशान और फर्जी शेंगेन वीजा के अवशेष पाए गए। इसके आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

गुरसाहिब सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह 2018 में वर्क वीजा पर सिंगापुर गया था और जुलाई 2024 में भारत लौटा। अमेरिका में बेहतर कमाई की लालच में वह एजेंट गुरदेव सिंह उर्फ गुर्री के संपर्क में आया। गुर्री और उसके सहयोगियों ने 20 लाख रुपये के बदले अमेरिका में अवैध प्रवेश का वादा किया। एजेंटों ने गुरसाहिब की यात्रा यूके, स्पेन, ग्वाटेमाला, मैक्सिको और तिजुआना के रास्ते कराई। तिजुआना में एक सहयोगी ने फर्जी शेंगेन वीजा पासपोर्ट पर चिपकाया और बाद में उस पेज के साथ छेड़छाड़ की। अमेरिका में अवैध प्रवेश के कुछ दिनों बाद गुरसाहिब को अमेरिकी अधिकारियों ने पकड़ लिया और तीन महीने की हिरासत के बाद भारत निर्वासित कर दिया।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि एयरपोर्ट टीम ने तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर नरेश कुमार को पटियाला, पंजाब से गिरफ्तार किया। नरेश ने पूछताछ में अपराध कबूल करते हुए बताया कि वह और उसका भाई कई वर्षों से गुरदेव उर्फ गुर्री के साथ मिलकर कमीशन पर अवैध प्रवास का काम कर रहे थे। गुरसाहिब के मामले में नरेश ने फर्जी वीजा और पासपोर्ट छेड़छाड़ की व्यवस्था में अहम भूमिका निभाई। उसके बैंक खाते में 3 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस अब फरार एजेंट गुरदेव और अन्य सहयोगियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। नरेश के बैंक खातों की जांच और अन्य मामलों में उसकी संलिप्तता की पड़ताल की जा रही है।

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